गोपालगंज में विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान कई तरह की खामियां सामने आ रही हैं। ताजा मामला सदर प्रखंड के हीरा पाकड़ गांव का है, जहां मदन प्रसाद (55) को जिंदा होने के बावजूद मृत मतदाता सूची में डाल दिया गया है। जिससे वह काफी परेशान है और इसको लेकर BLO समेत कई अधिकारियों से शिकायत की जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हीरापाकड़ गांव निवासी पीड़ित मदन प्रसाद पिछले कई दिनों से अपने गांव स्थित मतदान केंद्र पर जाकर चस्पा की गई वोटर लिस्ट में अपना नाम ढूंढ़ रहा था। लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगी। जब उसने मृत मतदाताओं की सूची देखी तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि उसका नाम उसमें शामिल कर दिया गया था। '18 साल की आयु पूरी होते ही मतदाता पहचान पत्र बना' मदन प्रसाद का कहना है कि, '18 साल की आयु पूरी होते ही मेरा मतदाता पहचान पत्र बना था। तब से अब तक हर चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं और मतदान का अधिकार निभाते रहे हैं। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साहित थे, लेकिन इस बार मृत सूची में नाम आ जाने से मतदान से वंचित रह जाएंगे।' उसने अपना वोटर ID और आधार कार्ड दिखाते हुए BLO से लेकर संबंधित अधिकारियों से समस्या के समाधान की गुहार लगाई, मगर अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। 4 बार मदन प्रसाद के घर पहुंचे लेकिन नहीं मिले- BLO इस मामले पर सदर SDM और निर्वाची पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जांच करायी गई है। BLO ने सूचना दी है कि वे 4 बार मदन प्रसाद के घर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वहां नहीं पाया गया। ERO ने कहा कि दावा-आपत्ति प्रक्रिया चल रही है। फॉर्म-6 भरकर जमा करने पर उनका नाम दोबारा मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा। बहरहाल इस तरह की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश और निर्वाचन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।