जमुई में फर्जी डाक्यूमेंट्स से बना PDS डीलर:एक व्यक्ति के 2 पहचान और 3 अलग नाम, 2 जगह वोटर लिस्ट में नाम दर्ज
जमुई के झाझा प्रखंड अंतर्गत करहारा पंचायत में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। कैलाश पासवान नामक एक व्यक्ति ने फर्जी पहचान के आधार पर न केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की डीलरशिप हासिल की, बल्कि 2 अलग-अलग पहचान के साथ 2 जगहों की मतदाता सूची में भी अपना नाम दर्ज करवा लिया। जानकारी के अनुसार, कैलाश पासवान ने वर्ष 2016 में जमुई नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 11, हरनाहा मोहल्ला में खुद को संतोषी पासवान का बेटा दर्शाकर डीलरशिप की अनुज्ञप्ति प्राप्त की। जबकि उसकी वास्तविक पहचान झाझा प्रखंड के करहारा गांव की है, जहां वह श्रवण पासवान का बेटा है। मतदाता सूची में भी नाम दर्ज करा लिया इतना ही नहीं, उसने दोनों जगहों पर मतदाता सूची में भी नाम दर्ज करा लिया। झाझा के करहारा पंचायत में उसके वोटर आईडी संख्या ZCA2614279 में पिता का नाम श्रवण पासवान दर्ज है, जबकि जमुई नगर परिषद क्षेत्र में EPIC नंबर CGH6250849 के साथ पिता का नाम संतोष पासवान दिखाया गया है। डीलर लाइसेंस प्राप्त करते समय उसने पिता का नाम संतोषी पासवान बताया। यानी, एक ही व्यक्ति ने तीन अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया। RTI से खुला मामला, लेकिन कार्रवाई में देरी इस फर्जीवाड़े का खुलासा वार्ड संख्या 11 के पूर्व पार्षद विपिन कुमार साव ने किया। उन्होंने एसडीएम सौरभ कुमार को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की थी। विपिन साव के अनुसार, वर्ष 2024 में लोक शिकायत निवारण केंद्र में शिकायत दर्ज हुई, जिसके बाद जांच में फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि हुई। जांच में सामने आया कि कैलाश पासवान ने फर्जी आवासीय, जाति और आय प्रमाण पत्र बनवाकर डीलरशिप हासिल की थी। जमुई सदर की CO ललिता कुमारी ने इन प्रमाण-पत्रों को रद्द कर दिया, लेकिन डीलर लाइसेंस अब तक रद्द नहीं की गई है। पॉस मशीन पर किसी और का अंगूठा पूर्व वार्ड पार्षद विपिन साव ने यह भी आरोप लगाया कि जिस PDS दुकान की लाइसेंस कैलाश पासवान के नाम है, वहां पॉश मशीन पर अंगूठा कैलाश का नहीं, बल्कि पूर्व डीलर मुकेश पासवान का लगता है। मुकेश पासवान, जो अब पार्षद हैं, उसने कैलाश को डीलर बनवाया और खुद ही दुकान का संचालन करते रहे। RTI से सूचना मिलने के बाद ही प्रशासन हरकत में आया। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनिल कुमार रमन ने 5 दिसंबर 2024 को 15 दिनों के भीतर प्रमाण-पत्र रद्द करने का आदेश दिया, लेकिन उसे लागू करने में 79 दिन लग गए। प्रमाण-पत्र रद्द किए जा चुके- CO ललिता कुमारी CO ललिता कुमारी ने पुष्टि की कि प्रमाण-पत्र रद्द किए जा चुके हैं। हालांकि, डीलर अनुज्ञप्ति अब भी प्रभावी है या नहीं, इसकी जानकारी जमुई MO से ही मिल सकती है। MO ने विभागीय जांच पूरी होने की बात कही, लेकिन आगे की कार्रवाई के बारे में अनभिज्ञता जताई। वोटर लिस्ट में 2 जगह नाम, लेकिन कोई सख्त कदम नहीं BLO वृंदा देवी ने बताया कि कैलाश पासवान का नाम साल 2003 की मतदाता सूची में था, इसी आधार पर उसने पुनरीक्षण में फॉर्म भरकर नाम जुड़वाया। वहीं, पूर्व पार्षद मुकेश पासवान ने भी स्वीकार किया कि कैलाश का स्थायी पता करहारा पंचायत में है, पर वह हरनाहा आता-जाता रहता है। पिता के नाम में अंतर को उन्होंने "बोलचाल की भाषा" का फर्क बताया। प्रशासन की भूमिका पर सवाल अब सवाल यह उठता है कि जब फर्जी प्रमाण-पत्र रद्द हो चुके हैं और फर्जीवाड़ा सिद्ध हो चुका है, तो डीलर लाइसेंस अब तक क्यों कायम है? एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग वोटर लिस्ट में कैसे है? POS मशीन पर किसी और का बायोमेट्रिक कैसे स्वीकार किया गया? यह संपूर्ण मामला प्रशासन की निष्क्रियता और लापरवाही को उजागर करता है। एक स्थान से नाम हटाने करने की प्रक्रिया शुरू SDM सौरभ कुमार ने बताया कि एक व्यक्ति का नाम दो जगह पाये जाने के कारण एक स्थान से नाम हटाने करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि 2016 से पहले आवासीय प्रमाण की अनिवार्यता नहीं थी, लेकिन अब जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह है कि इस मामले में दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है, और प्रशासन किस तरह भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाता है।
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