मधेपुरा के BN मंडल विश्वविद्यालय में इस बार ग्रेजुएशन और वोकेशनल पाठ्यक्रमों में नामांकन की स्थिति बेहद चिंताजनक है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद आधे से अधिक सीटें खाली रह गई हैं। कुल 84 हजार 94 सीटों में केवल 34 हजार 921 सीटों पर ही नामांकन हो सका है। जबकि इस बार 72 हजार 556 छात्रों ने आवेदन किया था। छात्रों की बेरुखी से विश्वविद्यालय प्रशासन की परेशानी और बढ़ गई है। नामांकन प्रक्रिया को लेकर विश्वविद्यालय ने अब तक तीन बार चयन सूची जारी की और एक बार स्पॉट नामांकन का भी अवसर दिया। इसके बावजूद छात्रों का रुझान अधिक नहीं दिखा। ज्यादातर विद्यार्थी केवल चुनिंदा विषयों में ही प्रवेश लेना चाहते हैं। हिंदी में 5048 सीटों पर 9930 आवेदन मिले यही कारण है कि कुछ विषयों में आवेदन की संख्या सीटों से कई गुना अधिक रही, जबकि कई विषयों में आवेदन न के बराबर आए। हिंदी जैसे विषय में 5048 सीटों पर 9 हजार 930 आवेदन मिले। इतिहास में 4 हजार 910 सीटों पर 6 हजार 867 आवेदन, जूलॉजी में 2 हजार 422 सीटों पर 6 हजार 120 आवेदन, फिजिक्स में 2 हजार 352 सीटों पर 2 हजार 631 आवेदन और होमसाइंस में 2 हजार 232 सीटों पर 3 हजार 566 आवेदन प्राप्त हुए। इन आंकड़ों से साफ है कि छात्र केवल चुनिंदा विषयों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। अरेबिक-पर्शियन में आवेदन की संख्या 5 से भी कम दूसरी तरफ अरेबिक, पर्शियन, बांग्ला और स्टैटिसटिक्स (आर्ट्स) जैसे विषयों की हालत बहुत खराब है। इनमें 100 से अधिक सीट होने के बावजूद आवेदन की संख्या पांच से भी कम रही। यानी छात्रों की दिलचस्पी इन विषयों में लगभग न के बराबर है। विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू खाली पड़ी सीटों को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। संगठनों की मांग है कि अब नामांकन की प्रक्रिया को कॉलेज स्तर पर करवाने की अनुमति दी जाए, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को मौका मिल सके और सीटें खाली न रहें। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट जानकारी या नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।