मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लिए फॉर्म जारी:अब हर परिवार से एक महिला कर सकेंगी बिजनेस, जानें आवेदन देने का पूरा प्रोसेस

Sep 1, 2025 - 20:30
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मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लिए फॉर्म जारी:अब हर परिवार से एक महिला कर सकेंगी बिजनेस, जानें आवेदन देने का पूरा प्रोसेस
बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद है कि राज्य के हर परिवार से कम-से-कम एक महिला उद्यमी बने और अपने मनपसंद रोजगार की शुरुआत कर सके। योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए पहले चरण में 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। यही नहीं, रोजगार शुरू करने के बाद जरूरत के अनुसार 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जा सकती है। इस योजना का संचालन और क्रियान्वयन बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) द्वारा किया जाएगा। आवेदन की प्रक्रिया और पात्रता सरकार ने तय किया है कि इच्छुक महिलाओं से आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी जीविका समूह और ग्राम संगठनों को दी गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इसके लिए विशेष ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा। योजना के लाभ के लिए महिलाओं को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका या उनके पति आयकरदाता नहीं होने चाहिए। आवेदिका या उनके पति सरकारी नौकरी (नियमित या संविदा) में नहीं होने चाहिए। योजना के लिए परिवार से आशय पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे हैं। अविवाहित महिला, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें भी एकल परिवार मानकर लाभ मिलेगा। जीविका समूह से जुड़ना जरूरी यह योजना मुख्य रूप से जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के लिए है। जो महिलाएं पहले से जीविका समूह से जुड़ी हैं, वे सीधे आवेदन कर सकती हैं। लेकिन जो महिला अभी तक समूह का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें पहले स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य होगा। इसके लिए उन्हें ग्राम संगठन में एक स्व-घोषणा पत्र और आवेदन देना होगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका संपोषित ग्राम संगठन आवेदन जुटाएगा। ग्राम संगठन की बैठक में आवेदनों की स्वीकृति होगी। फिर ये आवेदन जीविका प्रखंड इकाई को भेजे जाएंगे। प्रखंड स्तर से डेटा ऑनलाइन एमआईएस पोर्टल पर दर्ज होगा और आगे जिला इकाई और मुख्यालय को भेजा जाएगा। अंत में राशि सीधे लाभुक के आधार से जुड़े बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए जाएगी। शहरी क्षेत्रों में जीविका द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। इच्छुक महिलाएं वहीं से आवेदन कर पाएंगी। लाभुकों को राशि हस्तांतरित करने की विस्तृत प्रक्रिया अलग से तय की जाएगी। प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास सरकार ने यह भी प्रावधान किया है कि सिर्फ आर्थिक मदद ही नहीं, बल्कि महिलाओं को उद्यमिता और तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। महिलाओं को यह सिखाया जाएगा कि किस तरह से सही व्यवसाय चुना जाए और उसे सफलतापूर्वक चलाया जाए। उन्हें प्रबंधन, तकनीकी कौशल और वित्तीय योजना बनाने की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए जीविका अन्य विभागों और संस्थाओं से भी साझेदारी करेगी। निगरानी और अतिरिक्त सहायता मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका इस योजना की लगातार निगरानी करेंगे और जरूरत पड़ने पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे। रोजगार शुरू करने के बाद महिलाओं की प्रगति का आकलन किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो महिलाओं को 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अलग से दिशा-निर्देश ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे।

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