औरंगाबाद सदर अस्पताल में मंगलवार की रात हंगामा हुआ है। यहां अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा करते हुए ब्लड बैंक कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया। परिजनों का आक्रोश देखकर ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मी ब्लड बैंक बंद कर भाग खड़े हुए। मृतक की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बिजौली बसडीहा गांव निवासी 35 वर्षीय रामकरण पासवान के रूप में की गई है। मरीज की मौत के बाद नशे की हालत में अस्पताल पहुंचे कुछ परिजनों ने ब्लड बैंक के कर्मियों पर ब्लड नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया और ड्यूटी में तैनात कर्मी रवि मिश्रा का पिटाई कर दिया। सदर अस्पताल में हंगामा और ब्लड बैंक कर्मी की मरीज के परिजनों के पिटाई किए जाने के दौरान सदर अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मी, नगर थाना के एसआई गोपाल कुमार, सुनील कुमार, मो अख्तर, सहायक अवर निरीक्षक के बी यादव व अन्य ब्लड बैंक के कर्मियों के पहुंचने पर मामले को नियंत्रित किया गया। मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग काफी देर तक सदर अस्पताल हंगामे का गवाह बना रहा। घटना के बाद आक्रोशित हुए ब्लड बैंक कर्मियों ने हंगामा व मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ब्लड बैंक को बंद कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल में ब्लड बैंक संचालित कर रही रेडक्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह और सचिव दीपक कुमार सदर अस्पताल पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर पुलिस प्रशासन से ऐसे असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी की मांग की। लैब टेक्नीशियन अमित कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को मरीज के परिजन ब्लड बैंक पहुंचे और मरीज को चढ़ाने के लिए ब्लड की मांग की। लेकिन ब्लड देने वाला डोनर अनफिट पाया गया। परिजनों से दूसरे डोनर के लिए कहा गया। मगर वे फिर दुबारा नहीं आए और रात में मरीज की मौत के बाद ब्लड नहीं देने की बात कहकर ड्यूटी में रहे रवि मिश्रा की जमकर पिटाई कर दी। सदर अस्पताल से मरीज को कर दिया गया था रेफर रामकरण पासवान को इलाज के लिए सोमवार को सदर अस्पताल लाया गया था। मगर उनकी स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें रेफर कर दिया गया। परिजन मरीज को लेकर नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमुहार लेकर चले गए। लेकिन वहां से फिर से सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों ने पहले किए गए रेफर का हवाला देते हुए उन्हें हायर सेंटर जाने के लिए कहा। क्योंकि मरीज का फीवर 105 डिग्री से नीचे नहीं आ रहा था। ऐसी स्थिति में ब्लड चढ़ाना संभव नहीं था। लेकिन परिजन मरीज को लेकर कही नहीं गए और उनकी मौत हो गई।