6 सितंबर तक देनी होगी हथियार के लाइसेंस की जानकारी:मुजफ्फरपुर में हथियारों पर पैनी नजर, पुलिस की मदद नहीं करने पर FIR होगा दर्ज
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और पुलिस हर मोर्चे पर सतर्क हो गई है। चुनावी माहौल में किसी भी तरह की अशांति और गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आज से जिले में शस्त्र लाइसेंस जांच अभियान की शुरुआत कर दी गई है। अभियान 6 सितंबर तक चलेगा, जिसमें जिले के सभी 40 थानों में लाइसेंसधारियों के दस्तावेज और हथियारों की भौतिक जांच की जाएगी। अभियान राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर शुरू किया गया है, जिसे जिला स्तर पर मुजफ्फरपुर पुलिस और प्रशासन की निगरानी में लागू किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार ऐसे लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है, जो बिहार के बाहर से जारी लाइसेंस पर हथियार रखे हुए हैं। बिहार में चुनाव के दौरान अवैध हथियारों की आवाजाही, दबंगई और अशांति फैलाने की घटना सामने आती है। इसको देखते हुए पुलिस की यह पहल सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। शस्त्र लाइसेंस की गहन जांच की शुरुआत SSP सुशील कुमार ने बताया कि "हमने आज से पूरे जिले में शस्त्र लाइसेंस की गहन जांच की शुरुआत कर दी है। यह अभियान 6 सितंबर तक चलेगा। सभी थानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे लाइसेंस, हथियार और पहचान पत्रों की बारीकी से जांच करें। जो लोग मदद नहीं करेंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।" बाहरी राज्यों से लाए हथियारों पर कड़ी नजर पुलिस को इनपुट मिले हैं कि कुछ लोग दूसरे राज्यों - खासकर उत्तर प्रदेश, झारखंड और बंगाल से शस्त्र लाइसेंस लेकर बिहार में हथियार रखे हुए हैं। ऐसे मामलों में अब दस्तावेज सत्यापन और राज्य स्तरीय पुष्टि की जा रही है। अगर कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अपने नजदीकी थाने में जाकर अपने शस्त्र लाइसेंस की जांच कराएं। हथियार और मूल दस्तावेज साथ लेकर जाएं। अगर बाहर के राज्य से लाइसेंस है, तो उसकी सत्यापित कॉपी साथ लाएं निर्धारित समय (2 से 6 सितंबर) के भीतर जांच नहीं कराने पर लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा पुलिस ने सभी वैध शस्त्रधारियों से सहयोग की अपील की है। SSP ने कहा कि यह कार्रवाई किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि चुनावी माहौल में शांति बनाए रखने के लिए की जा रही है। जांच केवल शुरुआती चरण है। विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही आर्म्स एक्ट के तहत लगातार निगरानी, रेड और जब्ती अभियान शुरू किए जा सकते हैं। इसके साथ ही जिले में अवैध हथियारों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाने की भी तैयारी है।
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