गयाजी में टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में हंगामा:वेज की जगह नॉनवेज परोसा, महिला टीचर बोलीं- आस्था से खिलवाड़ हुआ है, सोची-समझी साजिश है

Sep 2, 2025 - 08:30
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गयाजी में टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में हंगामा:वेज की जगह नॉनवेज परोसा, महिला टीचर बोलीं- आस्था से खिलवाड़ हुआ है, सोची-समझी साजिश है
गयाजी के शेरघाटी थाना क्षेत्र में टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में जमकर हंगामा हुआ। वेज की जगह नॉनवेज परोसने पर शिक्षकों ने बवाल काटा। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। किसी तरह से समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। पुलिस ने इस संबंध में आवेदन देने को कहा है। शिक्षिका सोनम कुमारी ने बताया कि सोमवार को ट्रेनिंग का पहला दिन था। रात में वेज और नानवेज खाने की व्यवस्था थी। रात 8 बजे से लेकर 8:40 बजे तक वेज और उसके बाद नानवेज का समय निर्धारित था। वेज खाने वालों को मेस की ओर से खाना परोसा गया। पनीर की सब्जी दी गई थी, लेकिन उसका टेस्ट कुछ अजीब सा लगा। इस बात को लेकर हमलोग आपस में चर्चा कर ही रहे थे कि खाने में चिकेन का एक पीस निकल गया। प्लेट में चिकन देख कर सभी का गुस्सा फूट पड़ा। प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर आरोप शिक्षकों का आरोप है कि यह घटना महज कोई भूल या गलती नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश है। आरोप सीधे कॉलेज के प्रधानाध्यापक और शिक्षक प्रमोद कुमार पर लगा है। कहा गया कि यह सब उन्हीं के संरक्षण में हुआ, ताकि शिक्षकों का अपमान किया जा सके। गुस्साए शिक्षकों ने प्राचार्य हेमा कुमारी को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मामला बढ़ा तो मौके पर पुलिस बुलाई गई। डायल 112 की टीम पहुंची। शिक्षकों की समस्या सुनी और मेस की पड़ताल भी की। लेकिन यहां भी राहत नहीं मिली। आरोप है कि पुलिस ने शिकायत को हल्के में ले लिया। कुछ पुलिसकर्मियों ने तो उन्हें गधा तक कह डाला। इसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया। लोगों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया। कड़ी मशक्कत के बाद माहौल शांत हुआ। आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया आक्रोशित शिक्षकों का कहना है कि ट्रेनिंग जैसी गंभीर प्रक्रिया में इस तरह की हरकत सीधे तौर पर आस्था से खिलवाड़ है। कई लोगों ने कभी नॉनवेज नहीं खाया है। आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है। मेस वाले आज चिकेन परोसे हैं, कल बीफ परोस देंगे। ऐसा नहीं चलेगा। जब तक मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं होगी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी। तब तक ट्रेनिंग में शामिल नहीं होंगे। इस पूरे प्रकरण में कॉलेज प्रबंधन का पक्ष जानने के लिए प्रिंसिपल को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।

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