बेतिया नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मियों के नाम पर लाखों रुपये की बंदरबांट का बड़ा खुलासा हुआ है। वार्ड नौ में जांच के दौरान चार फर्जी मजदूरों के नाम पर हर महीने राशि उठाने का मामला सामने आने से निगम प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फर्जी हाजिरी से हर महीने लाखों रुपये का गबन उपमहापौर गायत्री देवी ने बताया कि सफाई पर्यवेक्षक की जांच में यह गड़बड़ी पकड़ी गई। उन्होंने कहा कि इससे पहले वार्ड 27 में भी पांच फर्जी मजदूरों के नाम पर राशि उठाने का मामला सामने आ चुका है। उपमहापौर ने कहा कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है और 30 से अधिक वार्डों में फर्जी हाजिरी लगाकर हर महीने लाखों रुपये का गबन किया जा रहा है। अब तक करोड़ों रुपए का हो चुका नुकसान उन्होंने बताया कि एक सफाई मजदूर को नगर निगम की ओर से 10 से 12 हजार रुपये मासिक भुगतान होता है। इस हिसाब से निगम को अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। उपमहापौर ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को उन्होंने 29 अप्रैल को बोर्ड की बैठक में भी उठाया था, लेकिन आज तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पहले भी उठ चुका है फर्जी मजदूर का मामला फर्जी सफाई कर्मियों का मामला नया नहीं है। कुछ माह पूर्व अधिवक्ता स्वाती बरनवाल ने मोहल्लेवासियों के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन के साथ डीएम से शिकायत की थी कि वार्ड नौ के पार्षद जाली नाम दिखाकर मजदूरों का भुगतान करा रहे हैं और उनसे निजी काम ले रहे हैं। वहीं वार्ड 27 के जमादार अमरनाथ साह ने नगर आयुक्त को लिखित सूचना दी थी कि वहां 19 मजदूर दिखाए गए हैं, जबकि सफाई कार्य सिर्फ 15 ही करते हैं। बाद में इन चार मजदूरों का भुगतान रोक दिया गया था। इसी तरह जगजीवन नगर निवासी सुरेश राउत ने भी जिला पदाधिकारी से लेकर प्रधान सचिव तक पत्र भेजकर लेबर चोरी का पूरा काला चिट्ठा उजागर किया था। उपमहापौर गायत्री देवी ने कहा कि अगर इस संगठित लूट को निगम स्तर पर नहीं रोका गया, तो वे इस मामले को उच्च अधिकारियों तक ले जाएंगी।