कैमूर के कुदरा थाना क्षेत्र के मतबरपुर गांव में शुक्रवार को शराबबंदी को लेकर बड़ा हंगामा देखने को मिला। गांव की सैकड़ों महिलाएं सड़क पर उतर आईं और शराब के पैकेट फेंक कर कुदरा–परसथुआ मुख्य मार्ग को घंटों तक जाम कर दिया। महिलाओं का आरोप था कि स्थानीय चौकीदार और पुलिस की मिलीभगत से गांव में प्रतिदिन शराब की बिक्री हो रही है, जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। परिवार की खुशहाली पर संकट ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गांव के पुरुष रोजाना शराब पीकर परिवार की आमदनी बर्बाद कर रहे हैं। एक महिला ने कहा, “जो मजदूर घर ₹500 कमाता है, उसका ₹300 शराब में चला जाता है। बच्चे बर्बाद हो रहे हैं, घर की खुशहाली खत्म हो गई है।” प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जाम की सूचना पर कुदरा थानाध्यक्ष नंदू कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर निर्झर कुमार और मोहनिया डीएसपी प्रदीप कुमार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन उनका गुस्सा कम नहीं हुआ। काफी मशक्कत और कार्रवाई के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया। तस्करों पर कार्रवाई, चौकीदार निलंबित मोहनिया डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि गांव में शराब बिक्री से जुड़े आरोप गंभीर हैं। महिलाओं द्वारा बताए गए संदिग्ध तस्करों के घरों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है और स्थानीय चौकीदार के निलंबन की प्रक्रिया चल रही है। महिलाओं की चेतावनी ग्रामीण महिलाओं ने चेतावनी दी कि अगर गांव में पूरी तरह शराबबंदी लागू नहीं हुई, तो वे और बड़ा आंदोलन करेंगी।