मदरसा शिक्षकों को समान वेतन की मांग:मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान का मिले दर्जा , शिक्षकों को वार्षिक वेतन वृद्धि, चिकित्सीय , आवास भत्ता और पेंशन जैसी सुविधाएं
मदरसा डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने राज्य सरकार से मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष मो. अल्ताफ हुसैन और सचिव मो. नजीर अब्बास ने मदरसा नियमावली 2022 में संशोधन की मांग रखी है। 1637 मदरसों को अभी तक अनुदान नहीं मिला संगठन ने नियोजित शिक्षकों को उच्च विद्यालय के शिक्षकों के समान वेतनमान देने की मांग की है। इसमें वार्षिक वेतन वृद्धि, चिकित्सीय भत्ता, आवास भत्ता और पेंशन सुविधा शामिल है। 1637 मदरसों को अभी तक अनुदान नहीं मिला है। 1128 कोटि के अंतर्गत चयनित मदरसों के शिक्षक कम वेतन पर काम कर रहे हैं। मांगें न मानी गईं तो करेंगे आंदोलन SPQM के तहत कार्यरत बिना प्रशिक्षित मदरसा शिक्षकों का वेतन 6000 से 12000 रुपये है। संगठन ने इन्हें भी नियमित मदरसा शिक्षकों की तरह सुविधाएं देने की मांग की है। सचिव मो. नजीर अब्बास ने कहा कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन किया जाएगा। ये पदाधिकारी रहे मौजूद कार्यक्रम में मो. अरशद अली, मो. अरशद दिलनवाज नदवी, नजिबुल्लाह नदवी, खालिद हुसैन नदवी, फजलुल हक, हसनैनुल हक, शम्स रहमानी, फिरोज आलम, शाहिद कमाल, तारिक नदवी, मास्टर नसीम साहब और मास्टर सगीर अहमद समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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