बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महाभियान का उद्देश्य भूमि अभिलेखों को दुरुस्त करना और लोगों को घर-घर जाकर निशुल्क सेवा उपलब्ध कराना है। इस अभियान के तहत जमाबंदी सुधार, नामांतरण और रसीद से जुड़ी गड़बड़ियों को दूर करने का काम हो रहा है। लेकिन शिवहर जिले में कुछ बिचौलिये इस योजना का गलत फायदा उठाकर ग्रामीणों से अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। इस पर नगर परिषद शिवहर के सभापति राजा नंदन सिंह ने कड़ा रुख अपनाया। “अवैध वसूली करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा” – सभापति सभापति ने कहा, “यदि कोई भी व्यक्ति जमाबंदी सुधार या राजस्व महाभियान के नाम पर पैसे की मांग करता है तो जनता तुरंत उसकी शिकायत करे। ऐसे लोगों को जूतों से मार भगाएं और प्रशासन को सूचित करें।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने इस अभियान को पूरी तरह निशुल्क रखा है, ताकि आमजन बिना परेशानी के अपने भूमि अभिलेखों की त्रुटियां ठीक करा सकें। बिचौलियों की वजह से जनता परेशान हो रही है और सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग सभापति ने प्रशासन से अपील की कि अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही आम नागरिकों से कहा कि वे किसी के बहकावे में न आएं और निशुल्क सेवा का लाभ उठाएं। ग्रामीणों की नाराजगी स्थानीय लोगों ने भी इस मुद्दे पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि कई जगहों पर बिना पैसे दिए काम नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की, ताकि आमजन को राहत मिल सके। सफलता के लिए जरूरी पारदर्शिता राजस्व महाभियान तभी सफल हो सकता है, जब बिचौलियों की भूमिका खत्म हो और जनता तक पारदर्शी तरीके से सरकारी सुविधाएं पहुंचें।