PM मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया आ रहे हैं। उनके दौरे से एक दिन पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चीफ को गिरफ्तार किया है। कटिहार जिले के हसनगंज इलाके के रहने वाले महबूब आलम उर्फ महबूब आलम नदवी (39) को किशनगंज के हलीम चौके के पास से पकड़ा गया है। 2022 फुलवारी शरीफ आपराधिक साजिश मामले को लेकर दायर चार्जशीट में महबूब आलम को 19वां आरोपी बताया गया है। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने प्रतिबंधित PFI के 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। महबूब आलम पर गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। महबूब कटिहार जिले के बंशीबाड़ी रामपुर हसनगंज का रहने वाला है। वह पिछले तीन सालों से फरार चल रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पिछले लगातार पूछताछ कर रही है। महबूब अप्रैल 2025 से किशनगंज के मोहिद्दीनपुर में रह रहा था। गिरफ्तारी के बाद NIA और एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड की टीम किशनगंज पहुंची है। वह हलीम चौक स्थित फातिमा गर्ल्स स्कूल में शिक्षक था। स्कूल में वह छात्राओं को इस्लामिक शिक्षा के साथ हिजाब पहनने का दबाव बनाता था। PFI विदेशी फंडिंग से भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहा था। 2022 में पटना के फुलवारी शरीफ में संगठन की गतिविधियां सामने आने के बाद सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। स्कूल संचालक को नहीं थी जानकारी स्कूल प्रशासन के अनुसार, महबूब ने केवल अपना बायोडाटा जमा किया था। आधार कार्ड मांगने पर वह टालमटोल करता था। स्कूल के संचालक सरफराज आलम ने बताया था कि उन्हें महबूब की देश-विरोधी गतिविधियों की जानकारी नहीं थी। वह स्कूल में 9,000 रुपए मासिक वेतन पर काम कर रहा था। स्थानीय रेफरेंस से उसने नौकरी पाई थी। एक महीने की छुट्टी के बाद वह हाल ही में स्कूल लौटा था। 2 साल बाद ओमान से लौटा भारत NIA को शक है कि नदवी के तार पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी जुड़े हैं। करीब दो साल तक ओमान में रहने के बाद वह भारत लौटा था। मार्च 2025 से किशनगंज में एक निजी स्कूल में शिक्षक बनकर रह रहा था। टीम इस दिशा में उससे गहन पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि नदवी को आगे की जांच के लिए दिल्ली ले जाया जा सकता है। 2022 के बाद नदवी ओमान भाग गया था। वहां उसका संपर्क ISIS और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों से हुआ। फंडिंग, ट्रेनिंग और हथियार... से मजबूत हुआ PFI