सांसद बोले, संविधान देश का मौलिक कानून है:अधिवेशन भवन सभागार में भुवनेश्वरी दयाल व्याख्यानमाला, उच्च शिक्षा की स्थिति पर जताई चिंता
बीडी कॉलेज की ओर से शनिवार को पटना के अधिवेशन भवन सभागार में पहली भुवनेश्वरी दयाल व्याख्यानमाला का आयोजन किया। व्याख्यानमाला की शुरुआत भारत के संवैधानिक विकास विषय पर हुई, जिसमें पटना साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मुख्य वक्ता के तौर पर रहे। जिस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान देश का मौलिक कानून है। भारत ने 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा में कई पड़ावों को पार कर निरंतर परिपक्वता हासिल की है। संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का दर्पण भी है। उन्होंने आगे कहा कि जब भारत का संविधान तैयार हो रहा था, तब देश आजादी के बाद गहरे तनाव और चुनौतियों से गुजर रहा था। इसके बावजूद डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान नेताओं ने इसे दिशा दी। आज दुनिया के कुल लोकतांत्रिक हिस्से का लगभग 17 प्रतिशत भारत में है, जो हमारी लोकतांत्रिक परंपरा की ताकत को दर्शाता है। उच्च शिक्षा की गिरती स्थिति पर व्यक्त की गई चिंता इस दौरान प्रो. गिरीश चौधरी, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने बिहार की उच्च शिक्षा की गिरती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे सुधारने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक प्रयास करने की सराहना की। वहीं प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह, कुलपति, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने कहा कि हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र सेवा में योगदान देना चाहिए। प्रो. शशि प्रताप शाही, कुलपति, मगध विश्वविद्यालय ने बी.डी. कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रो. रत्ना अमृत की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और कर्मठता से एएन कॉलेज को NAAC से ‘A+’ ग्रेड प्राप्त हुआ। उन्होंने सभी को मिलकर बी.डी. कॉलेज को पटना के अग्रणी संस्थानों में शामिल करने की अपील की।
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