बेगूसराय के रहने वाले अरुण पाठक उर्फ बाबू साहेब की इकलौती बेटी श्रेया पाठक (20 ) ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली। घटना 10 सितंबर की रात की है। सूचना मिलने के बाद पहुंचे पिता आज शव अपने गांव लेकर पहुंचे। मामला सिंघौल थाना क्षेत्र स्थित उलाव गांव का है। मायके वालों ने बेंगलुरु के यशवंतपुर थाना में ससुराल वालों पर दहेज के लिए टार्चर करते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। पिता अरुण पाठक ने बताया कि श्रेया की शादी 11 दिसंबर 2024 को गढ़पुरा गांव के दिवाकर झा के बेटे रेलवे टीटीई संजय झा से हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी में लड़के वालों को 23 लाख रुपया नगद, बाइक, सोने के आभूषण सहित अन्य सामान दिए थे। इसके बावजूद विवाह के बाद से ही दामाद संजीव झा, उसकी बहन छपरा में पोस्टेड दारोगा रश्मि झा, मां रीना झा व भाई केशव कुमार बार-बार स्विफ्ट डिजायर कार की मांग करने लगे थे। गाड़ी की मांग पूरी नहीं होने पर श्रेया को लगातार प्रताड़ित किया जाता था। लड़की को खाना भी नहीं देते थे शादी के कुछ दिन बाद ही श्रेया अपने पति के साथ बेंगलुरु के यशवंत नगर में रहने चली गई थी। वहां पति बराबर प्रताड़ित करता था। हम लोगों को लगा कि धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन स्थिति बिगड़ते गई। 7 मार्च को श्रेया ने अपनी प्रताड़ना से संबंधित एक कागज वॉट्सऐप पर भेजा था। वहां भी उसे बराबर प्रताड़ित किया जा रहा था। खाना भी वह लोग सही तरीके से देते थे। बात-बात पर मेंटल अनफिट बताते रहते थे। 8 सितंबर को उसका पति बीपीएससी की परीक्षा देने की बात कहकर बिहार आया। जहां वह गांव नहीं जाकर पहले छपरा में पोस्टेड अपनी बहन के पास गया और फिर बहन के साथ गांव आ गया। पिता ने जोमैटो से लड़की को भेजा था खाना देर शाम श्रेया ने फोन करके कहा था कि तबीयत खराब है और खाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। हमने जोमैटो के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर करके उसे खाना भिजवाया। रात करीब 9 बजे उसने अपनी मां के नंबर पर फोन किया और कहा कि संजीव और उसके घर के लोग फोन पर टॉर्चर कर रहे हैं। अब मैं तुम लोगों को छोड़कर जा रही हूं, इसके बाद फोन कट गया। हम लोग सोचे की किसी कारण से मोबाइल बंद हो गया होगा। लेकिन उसने ससुराल वालों की मानसिक टार्चर से परेशान होकर आत्महत्या कर लिया। 10 सितंबर की रात में ही मकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ताला तोड़कर शव बरामद किया और हमलोगों को सूचना दी। इसके बाद हमलोग बेंगलुरु पहुंचे और पुलिस को दहेज लेन-देन से जुड़े वीडियो और सबूत दिखाए। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पति संजीव झा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस दौरान संजीव की बहन ने वहां भी वर्दी का धौंस दिखाने का प्रयास किया। लेकिन प्रताड़ना का साक्ष्य रहने के कारण उसकी कुछ चली नहीं। परिजनों का कहना है कि स्विफ्ट डिजायर कार के लिए उनकी इकलौती बेटी को दहेज की बलि चढ़ा दिया गया। उसकी मांग पर हमने आश्वासन दिया था कि दे दूंगा, लेकिन अब तो बेटी ही नहीं रही। फिलहाल परिजनों ने एयर एम्बुलेंस से श्रेया का शव पटना एयरपोर्ट लाया गया, जहां से एंबुलेंस से बेगूसराय के उलाव गांव लाकर अंतिम संस्कार किया गया है।