20 महीने बाद ईरान से भोजपुर लौटा गौरव का शव:जॉब का लालच देकर ले गए थे ड्रग्स पैडलर्स; लाश देकर मां बोली- मना किया था
माता-पिता का बुढ़ापा अच्छे से गुजर जाए, घर अच्छा बन जाए, ये सपने लेकर नौकरी करने भोजपुर का गौरव 20 महीने पहले ईरान गया था। 20 महीने बाद गौरव पहली बार ईरान से भोजपुर लौटा, लेकिन जिंदा नहीं बल्कि बंद ताबूत में। भोजपुर जिले के सुखरौली गांव में बुधवार को 30 साल के गौरव की लाश आई। पिछले 608 दिनों से बेटे की राह देख रही मां अपने बेटे को ताबूत में देखकर बेहोश हो गई। गौरव के भाई, पिता और बहन ने किसी तरह उन्हें संभाला, जब आंख खुली तो फिर रोने लगी, बोलने लगी, पहिले बोलत रहनी नू कि मत जा कमाए, घरही रहअ। देखअ, अब का बतियाई तहरा से। गौरव की लाश बुधवार सुबह ईरान से महान एयर की फ्लाइट से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लाया गया। दिल्ली में गौरव के शव को रिसीव करने के बाद उसका भाई सौरव इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से डेडबॉडी के साथ पटना पहुंचा। पटना में कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद फिर एम्बुलेंस से डेडबॉडी को गांव पहुंचाया गया। दरअसल, ईरान में काम करने गए गौरव की साजिश की तहत तेहरान में ड्रग्स पैडलर्स ने हत्या कर दी थी। पिछले 11 महीने से गौरव की लाश तेहरान में ही पड़ी हुई थी। गौरव का परिवार लगातार उसकी लाश को भारत लाने की कोशिशों में जुटा था। दैनिक भास्कर रिपोर्टर की मुहिम के बाद आखिरकार गौरव की लाश को भोजपुर लाया गया। गौरव पीरो ब्लॉक के सुखरौली गांव के रहने वाले मूंगा लाल साह का बेटा था। जानिए, भोजपुर का गौरव कैसे ईरान में ड्रग्स पैडलर्स के चंगुल में फंसा गौरव कुमार के बड़े भाई राजन कुमार ने बताया कि हमारे बहनोई गुप्तेश्वर दुबई में एक कंपनी में काम करते है। उन्होंने ही करीब दो साल पहले मिस्टर साहू नाम के दलाल को गौरव का नंबर दिया था। इसके बाद दलाल ने गौरव को कॉल किया और ईरान ले जाकर तेल कारखाने में काम लगवाने की बात कही। 20 महीने पहले दलाल ने एक महीने के लिए काम करके देखने की बात कहकर गौरव को अपने पास बुला लिया। इसके बाद गौरव को ईरान में अकेला छोड़कर फरार हो गया। इसके बाद गौरव का अचानक घर पर कॉल आया कि तुम्हारे लड़के को किडनैप कर लिया गया है, दो करोड़ रुपए देने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा। दरअसल, गौरव के किडनैप की सूचना अहमदाबाद पुलिस की ओर से परिजनों को मिली थी। गौरव के भाई राजन ने बताया कि पोरबंदर बंदरगाह के रास्ते ड्रग्स लेकर विदेशी तस्कर भारत में पोरबंदर बंदरगाह पर पहुंचने वाले थे। इसकी सूचना भारतीय तट रक्षक, एनसीबी और एटीएस को पहले से थी। कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने पैडलर को गिरफ्तार कर लिया था, जिनके पास से करीब 60 करोड़ 50 लाख की ड्रग्स बरामद किया गया था। (यह आंकड़ा परिजन की ओर से बताया गया है) राजन ने बताया कि ड्रग्स पैडलर ने पूछताछ में उन्होंने मेरे भाई गौरव के बारे में गुजरात एटीएस को बताया था। कहा था कि पैसे ना देकर ड्रग्स के बदले गौरव को पैडलर्स के पास गिरवी रखकर हम लोग वहां से माल लेकर समंदर के रास्ते यहां आ गए। अहमदाबाद पुलिस की ओर से हमलोगों को बताया गया कि मेरा भाई अभी भी ईरान में ही है। 15 फरवरी 2024 को घर से ईरान के लिए निकला था गौरव राजन ने बताया कि गौरव के वीजा का पैसा मिस्टर साह नाम के दलाल ने ही दिया था। हम लोगों का एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ था। एक महीने बाद ही गौरव का रिटर्न वीजा था। गौरव को ईरान में एक तेल के कारखाने में 15 से 20 दिन तक काम करने की बात कहकर ले जाया गया था। ईरान जाने के लिए गौरव 15 फरवरी 2024 को घर से ईरान के लिए पटना जंक्शन पहुंचा। पटना जंक्शन से लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ट्रेन से मुंबई पहुंचा। जॉब एजेंट कंपनी (इंटरनेशनल किडनैपर गैंग) के खर्च पर मुंबई एक होटल में करीब एक सप्ताह ठहरा। उसके बाद 22 फरवरी 2024 को एयर अरबिया एयरलाइंस से शारजाह एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरा। शारजाह में उसे इंटरनेशनल किडनैपर गैंग हैंडलर मिस्टर साहू और सोनू ने रिसीव किया। ईरान पहुंचने के बाद हर दिन कॉल करता था गौरव राजन के मुताबिक, गौरव को ईरान में ले जाने के बाद उसे शिराज के होटल पार्स में रखा। उसने 24 फरवरी 2024 की दोपहर दो बजे चेक इन किया और 25 फरवरी दोपहर 12 बजे चेक आउट किया। गौरव से ईरान जाने के दौरान कई बार बात हुई थी। गौरव हर दिन वीडियो कॉल पर बात करता था। लेकिन 8 मई 2024 के बाद से उससे बात नहीं हो पा रही थी, उसके बाद उसने वाइस मैसेज भेजना शुरू किया। वाइस मैसेज पर ही सारी बात बताया करता था। उसे भनक लग गया था कि उसे फंसाया गया है। 4 अप्रैल को यह वाइस मैसेज आना भी बंद हो गया। उसके बाद उसके बाद से लगातार किडनैपर गौरव की बहन के पास फिरौती के लिए अलग अलग नंबर से पैसों की मांग करते थे । हर 10 से 15 दिन के अंदर किडनैपर्स घर फोन कर मांगते थे फिरौती आखिरी बार जब परिजनों से बात हुई थी, तब गौरव ने बताया था कि उसे जिस काम के लिए ईरान ले जाया गया था, उससे वह काम नहीं कराया गया। जब उसने पूछा कि आखिर मुझे काम क्या करना है, तो मुझे कुछ भी नहीं बताया गया। उसने घरवालों को वाइस कॉलिंग में बताया था कि मुझे शारजाह में रिसीव करने के बाद हवाई जहाज से ईरान ले जाया गया। ईरान के चाबहार नाम की जगह पर मोहम्मद करीम के घर में बंद कर दिया गया। ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था। कभी-कभी बाहर जाने दिया जाता था, इसी दौरान उसने + 98 नंबर का नया सिमकार्ड लिया। बाद में ये सिमकार्ड भी बंद हो गया। इसके बाद से ही किडनैपर्स का कॉल आने लगा, जो +92 यानी पाकिस्तानी नंबर से आता था। राजन ने बताया कि ड्रग्स पेडलर्स की ओर से हर 10 से 15 दिन के बाद फिरौती की रकम की मांग की जाती थी। राजन ने बताया कि हमारी इतनी हैसियत नहीं थी कि इतनी बड़ी रकम देकर गौरव को ला सके। हालांकि, बाद में फिरौती की रकम को घटाकर 15 लाख रुपए कर दी गई, लेकिन परिवार ने इस रकम को भी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद, वॉट्सऐप कॉलिंग कर गौरव की हत्या की धमकी दी गई थी। कहा गया था कि ऐसी मौत मारेंगे कि रूह कांप जाएगी। इसी बीच 14 अगस्त 2024 को कॉल पर गौरव की मौत की खबर आई, लेकिन परिवार वालों को ईरान, इंडियन एंबेसी की ओर से कोई फोटो वीडियो गौरव की मौत के सबूत के तौर पर नहीं भेजा गया। 16 अगस्त 2024 को एक मेल आया, जिसमें मौत होने की आशंका जताई गई थी। उसके बाद 24 फरवरी 2025 को श्रम संसाधन भोजपुर के तरफ से पार्थिव शरीर की अवशेष की पहचान के लिए DNA कराने का लेटर आया। उसके बाद 1 मार्च 2025 को पिता मूंगा लाल का DNA सेंपल पहले दिल्ली भेजा गया, उसके बाद ईरान भेजा गया। फिर जुलाई 2025 के पहले वीक में DNA सेंपल मैच की सूचना परिवार वालों को दी गई।
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