दरभंगा में नाम वापसी की अंतिम तारीख बीत जाने के बाद गौड़ाबौराम विधानसभा सीट पर महागठबंधन की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। सोमवार को अंतिम दिन तक वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी और आरजेडी के प्रत्याशी अफजल अली खान दोनों ने अपना नाम वापस नहीं लिया। अब यह सीट महागठबंधन के दो उम्मीदवारों के बीच सीधी भिड़ंत का मैदान बन गई है। नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद वीआईपी प्रत्याशी संतोष सहनी ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी जातिवाद में लिप्त हैं और “पैसे लेकर बिके हुए” हैं। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि “यहां जितने कर्मचारी हैं, सभी जातिवादी मानसिकता से काम कर रहे हैं। अंदर बैठे अधिकारी भी पक्षपात कर रहे हैं। पूरा सिस्टम बिक चुका है। मैं हाईकोर्ट में जाकर इस पूरे मामले की शिकायत करूंगा। जो भी एआरओ और कर्मचारी इस चुनाव काम में शामिल हैं, उन सबके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा।” महागठबंधन ने वीआईपी को दी थी सीट संतोष सहनी ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर पत्र जारी होने के बावजूद अफजल अली खान को आरजेडी के सिंबल ‘लालटेन’ पर प्रत्याशी बना दिया गया। जबकि यह सीट महागठबंधन की ओर से वीआईपी को दी गई थी। उन्होंने कहा कि “मुझे ‘नाव’ चुनाव चिन्ह मिला है, वीआईपी प्रत्याशी के तौर पर। लेकिन यहां अधिकारियों ने मनमानी कर लालटेन छाप दे दिया। महागठबंधन की एक सीट पर दो प्रत्याशी कैसे हो सकते हैं? ये लोग पैसा लेकर बिक गए हैं और जात-पात का खेल खेल रहे हैं।” वीआईपी के प्रत्याशी के आरोपों पर अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सहनी के बयानों से चुनावी माहौल गरमा गया है। गौड़ाबौराम अब दरभंगा जिले की सबसे हॉट सीट के रूप में उभरकर सामने आ रही है, जहां गठबंधन की एकता और अनुशासन दोनों की अग्निपरीक्षा होने वाली है।