शिक्षा विभाग के अफसर ने बनवाई 5 करोड़ की कोठी:नोएडा-पटना समेत 4 शहरों में मकान, पत्नी के नाम पर कॉम्पलेक्स और 50 लाख की एफडी
बिहार में एजुकेशन डिपार्टमेंट के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण ने अपने ससुराल पूर्णिया में करोड़ों रुपए की अकूत संपत्ति बनाई है। पूर्णिया में वीरेंद्र नारायण की कोठी को लोग 'व्हाइट हाउस' के नाम से जानते हैं। इस कोठी को एक बीघा जमीन पर बनाई गई है, जिसकी कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। इसके अलावा, पत्नी के नाम से चार शहरों में करोड़ों की जमीन खरीदी है, जबकि करोड़ों रुपए की दुकान, मकान और कॉम्प्लेक्स बनवाया है। पत्नी के नाम पर 50 लाख की एफडी वीरेंद्र नारायण के ठिकानों से 14 लाख नकद और पत्नी के 29 लाख के सोने-चांदी के जेवरात समेत कई प्रॉपर्टी के कागजात मिले। साथ ही पत्नी स्नेहा निधि के नाम से अलग-अलग बैंकों के खाते और करीब 50 लाख एफडी में निवेश के कागजात भी मिले। प्राथमिकी के अनुसार वीरेंद्र नारायण ने सरकारी सेवा के दौरान वेतन और अन्य वैध आय की तुलना में करीब 3.75 करोड़ अवैध संपत्ति अर्जित की है वीरेंद्र नारायण बिहार सरकार की सेवा में लगभग 26-27 साल से पूर्णिया, कटिहार, वैशाली और अन्य जिला में जिला शिक्षा पदाधिकारी के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। आरोप है कि वीरेंद्र नारायण ने सरकारी सेवा में रहते भ्रष्ट तरीके से अवैध संपत्ति अर्जित की है। दरअसल, वीरेंद्र नारायण उस वक्त चर्चा में आए, जब एक साथ उनके पूर्णिया, पटना और मुजफ्फरपुर के आवास पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने गुरुवार को छापेमारी की। पूर्णिया स्थित ठिकाने पर देर रात तक छापेमारी जारी रही। टीम को छापेमारी के दौरान मार्केट कॉम्प्लेक्स और अररिया में खरीदी गई प्लॉट से जुड़े अहम कागजात मिले हैं। पूर्णिया के रामबाग में कोठी को क्यों कहते हैं व्हाइट हाउस वीरेंद्र नारायण के पूर्णिया स्थित रामबाग में जिस 2 मंजिला कोठी की चर्चा हो रही है, उसे स्थानीय लोग व्हाइट हाउस के नाम से जानते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, किसी सरकारी अफसर की इतनी बड़ी कोठी कभी नहीं देखी। यह कोठी 1 बीघे की एरिया में फैली है। कोठी की दीवारों का रंग सफेद है, जिसकी वजह से इसे व्हाइट हाउस के नाम से जानते है। वीरेंद्र नारायण पूर्णिया आते हैं तो पत्नी और बच्चों के साथ यहीं रहते हैं। चूंकि, वीरेंद्र नारायण अपने बच्चों और पत्नी संग पटना में ही ज्यादातर रहते हैं, इसलिए इस कोठी के रखरखाव की जिम्मेदारी कुछ रिश्तेदारों और काफी भरोसेमंद स्टाफ के हवाले हैं। कोठी में काम करने वाले एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोठी अंदर से भी काफी आलीशान है। फर्नीचर से लेकर पर्दों तक सब कुछ काफी महंगा है। घर का इंटेरियर पुराने डिजाइन के अनुसार सजाया गया है। दो फ्लोर वाले इस मकान में नीचे चार आलीशान कमरे है, जिसमें डाइनिंग हॉल, किचन है। मकान के फर्स्ट फ्लोर पर भी चार कमरे बनाए गए हैं। इसके अलावा, गार्डन एरिया की सजावट भी मॉर्डन तरीके से की गई है। अब वीरेंद्र नारायण यादव के परिवार के बारे में भी जान लीजिए पिता पंचायत सचिव रहे, अररिया से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में बड़े भाई रीजनल डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण मूल रूप से अररिया जिले के रहने वाले हैं। पिता सुंदर लाल यादव अररिया जिले में पंचायत सचिव थे। सुंदर लाल यादव के 5 बेटे और 2 बेटियां हैं। वीरेंद्र नारायण 7 भाई बहन में तीसरे नंबर पर हैं। वीरेंद्र के साथ-साथ सभी भाई-बहनों का बचपन अररिया में ही बीता है। इनमें से अधिकांश की प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पूर्णिया से हुई है। 7 बहनों में सबसे बड़े दीर्घ नारायण यादव सिविल सर्विस में रहे। नौकरी में रहते 6 महीने पहले पद से रिजाइन कर दिया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में अररिया से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे है। इनका घर सदर थाना क्षेत्र के SNSY कॉलेज के पास है, जबकि एक भाई बिहार पुलिस में दरोगा हैं। ये पूर्णिया के रामबाग स्थित सरना चौक के पास रहते हैं, जबकि दो भाई अररिया में सरकारी शिक्षक हैं। साल 1998 में शिक्षा विभाग में अफसर बने थे वीरेंद्र नारायण साल 1998 में वीरेंद्र नारायण शिक्षा विभाग में अफसर बने थे। नौकरी के कुछ साल बाद ही वीरेंद्र नारायण की पूर्णिया शहर की भट्टा बाजार इलाके की रहने वाली स्नेहा निधि से शादी गई। शादी के बाद वीरेंद्र का अररिया स्थित गांव से कटना शुरू हो गया और ससुराल आना-जाना काफी बढ़ गया। इसके बाद ससुराल वालों की मदद से उन्होंने शहर के सदर थाना क्षेत्र के रामबाग इलाके के सरना चौक रेलवे गुमटी ढाला के पास 1 बीघा की प्लॉट देखी। साल भर के भीतर एक मुश्त कैश देकर ये जमीन खरीदी। 15 साल पहले वीरेंद्र नारायण पूर्णिया में शिफ्ट हुए 15 साल पहले वे अररिया से पूर्णिया आकर शिफ्ट हो गए। करीब 7 साल तक परिवार संग पूर्णिया में रहे। इस दौरान वे कटिहार में बतौर जिला शिक्षा विभाग में पदस्थापित थे। बच्चे की पढ़ाई और ट्रांसफर-पोस्टिंग को देखते हुए वीरेंद्र नारायण ने पटना में शिफ्ट हो गए। इस दौरान उनकी संपत्ति अकूत होती चली गई। शिक्षा विभाग में विभिन्न पोस्ट पर रहते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। पूर्णिया के बाद पटना में जमीन ली और उसपर कोठी खड़ी कर दी। पूर्णिया में 'व्हाइट हाउस' पर पहुंची थी विजिलेंस की 10 सदस्यों की टीम स्पेशल विजिलेंस यूनिट के डीएसपी सुधीर कुमार के नेतृत्व में पूर्णिया के रामबाग सरना चौक स्थित घर सुबह करीब 7 बजे 10 सदस्यीय टीम छापेमारी करने पटना से दो कार से पूर्णिया पहुंची। 11 बजे 4 सदस्यीय टीम एक अन्य कार से पहुंची। डीएसपी ने बताया कि मुजफ्फरपुर के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण पर 3 करोड़ 76 लाख रुपए से अधिक आय से अधिक अवैध संपत्ति जमा करने का आरोप है। वीरेंद्र नारायण के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया। इसी के बाद पटना, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया स्थित ठिकाने पर छापेमारी की गई। खबर लिखे जाने तक टीम घर में रखे दस्तावेज, कीमती सामान की लिस्ट बनाने में जुटी है। इसके अलावा घर में रखे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को भी खंगाल रही है। 10 साल पहले भी इसी आवास पर हुई थी रेड
बताया जाता है कि आय से अधिक संपति मामले में लगभग 10 साल पहले भी विजिलेंस की टीम ने रामबाग के इसी आवास पर छापेमारी की थी। पटना से आयी टीम सुबह से लेकर देर शाम तक इस आवास पर रेड करती रही। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र नारायण के खिलाफ लंबे समय से सरकार को शिकायतें मिल रही थी। इसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया। अब जान लीजिए, पटना और मुजफ्फरपुर में छापेमारी का स्टेटस पटना के जगनपुरा में वार्ड नंबर 32 में वीरेंद्र नारायण के घर पर रेड चली। सुबह 7 बजे 4 गाड़ियों से 6 अफसरों की टीम उनके घर पहुंची। टीम के साथ पुलिस फोर्स भी मौजूद रही। छापेमारी के दौरान मेन गेट को लॉक कर दिया गया। किसी को घर में आने-जाने की परमिशन नहीं थी। यहां से टीम को झोले में 4 लाख कैश मिले। कुछ पेपर्स और लैपटॉप भी टीम के हाथ लगे। मुजफ्फरपुर में वीरेंद्र नारायण के ऑफिस और किराए के घर में स्पेशल विजिलेंस टीम ने रेड की। सुबह करीब साढ़े 7 बजे 2 गाड़ियों से टीम यहां पहुंची। 7 से ज्यादा अफसर अंदर मौजूद रही। ऑफिस के पेपर खंगाले गए। कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। टीम ने ऑफिस के रिकॉर्ड रूम को खंगाला। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार रात ही पटना से 6 सदस्यीय टीम मुजफ्फरपुर पहुंची थी। टीम रातभर सर्किट हाउस में रूकी। सुबह 8 बजे ही कार्यालय खुलने से 1 घंटे पहले पहुंच गई थी। 9 बजे खुलते ही छानबीन शुरू कर दी थी। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें रेड से पहले पत्नी के साथ नोट जलाने लगा इंजीनियर:किचन की चिमनी-टॉयलेट के पाइप से 52 लाख कैश मिले; सोने के बिस्किट-विदेशी घड़ियां भी पटना में शुक्रवार को EOU ने ग्रामीण कार्य विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विनोद कुमार राय के घर पर रेड की। भूतनाथ रोड स्थित आलीशान मकान से टीम ने 52 लाख कैश बरामद किए।इनमें 12 लाख 50 हजार जले हुए नोट थे। यही नहीं आवास से सोने के बिस्किट समेत 26 लाख के गहने बरामद हुए।EOU को उनके घर से बीमा पॉलिसी और जमीन, मकान के कागजात, इलेक्ट्रानिक्स सामान समेत 20 करोड़ की चल-अचल संपत्ति मिली है। पूरी खबर पढ़ें
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