दिल्ली के रोहिणी इलाके में 22 और 23 अक्टूबर की दरमियानी रात करीब 2:20 बजे बिहार पुलिस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में 4 कुख्यात बदमाश मारे गए। मुठभेड़ में सीतामढ़ी का कुख्यात रंजन पाठक, बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी और मनीष पाठक भी शामिल था। यह मुठभेड़ बहादुर शाह मार्ग से लेकर पंसाली चौक तक चली, जिसमें दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई। घायल बदमाशों को बीएसए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मारे गए अन्य बदमाशों में बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी, मनीष पाठक और दिल्ली के करावल नगर निवासी अमन ठाकुर शामिल था। 3 बदमाश सीतामढ़ी के रहने वाले मृतक रंजन पाठक (25) सीतामढ़ी के सुरसंड थाना क्षेत्र के मलाही गांव का निवासी था। वह पिछले कई महीनों से बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। रंजन ने अपने गिरोह का नाम “सिग्मा एंड कंपनी” रखा था। बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी और मनीष पाठक सीतामढ़ी के रहने वाले थे। रंजन पाठक पर था 25,000 का इनाम घोषित रंजन पाठक सीतामढ़ी में ब्रह्मर्षि सेना के जिलाध्यक्ष गणेश शर्मा, मदन कुशवाहा और आदित्य सिंह की हत्याओं सहित कई गंभीर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुका था। उस पर ₹25,000 का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। प्रदेश में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था हाल ही में बिहार पुलिस को रंजन का एक ऑडियो मिला था। इसमें वह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा था। रंजन का दावा था कि उसने हथियार भ्रष्ट पुलिस और अन्यायपूर्ण सिस्टम के खिलाफ उठाए हैं, न कि किसी जाति या धर्म के खिलाफ। बायोडाटा भेजकर अपनी आपराधिक गतिविधियों का ब्योरा दिया रंजन पाठक ने एक बार खुद ही मीडिया को अपना "बायोडाटा" भेजकर अपनी आपराधिक गतिविधियों का ब्योरा दिया था। उसकी "सिग्मा एंड कंपनी" गैंग सीतामढ़ी में तेजी से सक्रिय हो रही थी और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई थी। कई एनकाउंटर और छापेमार कार्रवाई के बाद आखिरकार दिल्ली में इस गैंग का अंत हो गया। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी है।