नीतीश कुमार पर विदेशी मीडिया भड़की, सिक्योरिटी बढ़ी:हिजाब खींचने पर लालू-राहुल गांधी चुप, गिरिराज ने क्यों कहा-नौकरी करें या जहन्नुम में जाएं
मुस्लिम महिला डॉक्टर के हिजाब खींचने का मामला इंटरनेशनल हो गया है। विदेशी मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की है। वहीं, पाकिस्तान के गैंगस्टर शहजाद भट्टी ने अंजाम भुगतने की धमकी दी है। इसके बाद नीतीश कुमार की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। वहीं, अब इस विवाद में चौथे दिन भाजपा एक्टिव हो गई है। 18 दिसंबर को भाजपा नेता ने खुलकर ना सिर्फ नीतीश कुमार का सपोर्ट किया, बल्कि हिजाब पहनने पर भी सवाल खड़े कर दिए। दूसरी ओर, कांग्रेस और RJD एक दिन के औपचारिक विरोध के बाद चुप्पी साध चुके हैं। 4 दिन में हिजाब खींचने के मामले में क्या-क्या हुआ। भाजपा 3 दिन बाद क्यों एक्टिव हुई। जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। सवाल-1ः हिजाब विवाद में कब-कब क्या क्या हुआ? जवाबः 15 दिसंबर को पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र देते हुए एक मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींच दिया था। इसका एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में साफ दिख रहा है कि नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र देते हुए मुस्लिम महिला आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन के चेहरे से हिजाब खींच रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद देशभर में नीतीश कुमार की आलोचना शुरू हो गई। सिलसिलेवार तरीके से जानिए…अब तक क्या-क्या हुआ सवाल-2ः नीतीश कुमार के व्यवहार पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा? जवाबः नीतीश कुमार का मुस्लिम महिला डॉक्टर के साथ यह व्यवहार देश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और खास कर मुस्लिम बहुल देशों में भी चर्चा का विषय बना है। सबने नीतीश कुमार की आलोचना की। सिलसिलेवार तरीके से जानिए, किसने क्या लिखा… सवाल-3ः नीतीश कुमार के व्यवहार पर विरोधी राजनीतिक दल क्या राजनीति कर रहे हैं? जवाबः देखने से तो नहीं लगता। सोशल मीडिया पर चर्चा जरूर है, लेकिन किसी बड़े नेता ने नीतीश कुमार पर सीधा कोई बयान नहीं दिया है। 18 दिसंबर तक नीतीश कुमार के विरोधी बड़े नेता लालू यादव, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव ने एक भी बयान या सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं किया है। हां, उनकी पार्टी कांग्रेस और RJD ने X पर निशाना जरूर साधा है। वह भी सिर्फ पहले दिन यानी 15 दिसंबर को। एक दिन के सिंबालिक विरोध के बाद कांग्रेस-RJD की चुप्पी के सवाल पर सीनियर जर्नलिस्ट संजय सिंह कहते हैं, ‘RJD-कांग्रेस वाले जानते हैं कि नीतीश कुमार का इंटेंसन वैसा नहीं था कि क्राइम लगे। हां, उनका तरीका गलत था। यह नहीं होना चाहिए था।’ संजय सिंह कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने ऐसा उटपटांग व्यवहार पहली बार नहीं किया। इससे पहले भी सदन में एक बयान दे चुके हैं, जिस पर खूब हंगामा हुआ था। उस वक्त कांग्रेस-RJD ने ही उनका बचाव किया था।’ सवाल-4ः 3 दिन बाद भाजपा नीतीश कुमार के सपोर्ट में क्यों आई? जवाबः पूरे प्रकरण में नीतीश कुमार की सहयोगी पार्टी BJP शुरू के 3 दिन (15,16 और 17 दिसंबर) चुप थी। पार्टी का कोई बड़ा नेता कुछ नहीं बोल रहा था। 18 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और जीतनराम मांझी पहली बार इस पर खुलकर बोले और नीतीश कुमार का समर्थन किया। गिरिराज सिंह ने महिला डॉक्टर के नौकरी नहीं जॉइन करने के सवाल पर कहा- वह नौकरी को रिफ्यूज करें या जहन्नुम जाएं। भाजपा के खुलकर साथ आने के 2 बड़े कारण हैं… 1. हिन्दू-मुस्लिम एंगल और पाकिस्तान कनेक्शन पॉलिटिकल एनालिस्ट और बिहार यूनिवर्सटी के प्रो. प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘घटना के दिन (15) और अगले दिन यानी 16 दिसंबर तक यह मामला महिलाओं के सम्मान से जुड़ा था। आम लोग और विरोधी भी इसे महिला के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगा रहे थे। तब भाजपा चुप रही। उसे नुकसान का डर था।’ प्रो. प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘लेकिन अब यह मामला धीरे-धीरे धर्म का रंग ले रहा है। मुस्लिम संगठन ज्यादा एक्टिव हो गए हैं। पाकिस्तान से धमकी मिलने लगी है। पाकिस्तान के नेता भी टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा को अब इसमें हिन्दू-मुस्लिम वाला एंगल मिल गया है।’ सीनियर जर्नलिस्ट अभिरंजन कुमार कहते हैं, ‘नीतीश कुमार की नीयत पर कोई सवाल नहीं है। उनका एक्शन गलत हो सकता है, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वो महिला डॉक्टरी जैसे प्रोफेशनल पेशे से जुड़ी है। क्या उसका चेहरा ढककर जाना उचित है। प्रोफेशनल करियर में जब आप आते हैं तो प्रोफेशनली ड्रेसअप भी होना चाहिए।’ 2. भाजपा को नीतीश कुमार की जरूरत भाजपा के सामने एक मजबूरी यह भी… नीतीश के पास दूसरा भी ऑप्शन
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0