तेजप्रताप की चुनावी रैली में ‘पुलिस’ लिखी बोलेरो पर हंगामा:वीडियो वायरल होते ही भोजपुर पुलिस हुई सतर्क, गाड़ी मालिक पर केस दर्ज
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भोजपुर जिले में एक अजीब मामला सामने आया है। जनशक्ति जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की एक रैली में शामिल बोलेरो वाहन पर 'पुलिस' वाला लोगो और सायरन लाइट लगी होने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आते ही भोजपुर पुलिस हरकत में आ गई और जांच शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में दारोगा राजेश कुमार के बयान पर गड़हनी थाना में बोलेरो के मालिक और अज्ञात ड्राइवर के खिलाफ चुनाव संबंधी अपराध के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। प्राथमिकी में कहा गया है कि बोलेरो पर पुलिस का लोगो लगा था और सायरन लाइट लगाई गई थी, जिससे ये सरकारी गाड़ी प्रतीत हो रही थी। इस गाड़ी का उपयोग चुनाव प्रचार में किया जा रहा था, जो स्पष्ट रूप से आचार संहिता का उल्लंघन है। गड़हनी थाना के प्रमोद कुमार यादव के नाम पर रजिस्टर्ड है बोलेरो पुलिस जांच में पता चला कि रैली में दिखने वाली बोलेरो प्राइवेट है, न कि सरकारी। बोलेरो के रजिस्ट्रेशन के मुताबिक उसके मालिक की पहचान भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र के रहने वाले लसाढ़ी गांव के प्रमोद कुमार यादव के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बोलेरो की जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और आगे की जांच की जा रही है। 18 अक्टूबर को वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि 'पुलिस' लिखी हुई बोलेरो पर एक समर्थक पार्टी की टोपी पहनकर पीछे की ओर चढ़ा हुआ है। हालांकि, वीडियो किस जगह का है, ये अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि ये गाड़ी तेज प्रताप यादव की रैली में शामिल समर्थकों के काफिले का हिस्सा थी। भोजपुर एसपी बोले- मामला गंभीर, ये आचार संहिता और कानून का उल्लंघन पुलिस अधिकारियों ने बताया कि निजी वाहन पर पुलिस का लोगो या चेतावनी लाइट लगाना एक गंभीर और संज्ञेय अपराध है। यह कार्य न केवल लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है, बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए खतरा भी बन सकता है। यदि कोई व्यक्ति या संगठन अपने प्रभाव को दिखाने के लिए सरकारी पहचान या शक्ति का झूठा प्रयोग करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। भोजपुर पुलिस अधीक्षक राज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ऐसे मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति या संगठन को निजी वाहन पर “पुलिस” या किसी अन्य सरकारी पहचान चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। एसपी ने कहा कि यह आचार संहिता और कानून दोनों का उल्लंघन है। जो भी व्यक्ति इस तरह के गलत प्रयोग में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी। SP राज ने कहा कि वायरल वीडियो की साइबर जांच भी शुरू कर दी गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वीडियो कहां से और किसने अपलोड किया। भोजपुर पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि ऐसे मामलों की सूचना तुरंत स्थानीय थाने को दें ताकि चुनावी माहौल को निष्पक्ष और पारदर्शी रखा जा सके।
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