बांका में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए नए चेहरों को मौका दिए जाने से चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। धोरैया और बांका विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदा नेताओं के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है, जिससे कार्यकर्ताओं में उत्साह और नाराजगी दोनों देखी जा रही है। इन फैसलों से जिले की सभी विधानसभा सीटों पर चुनावी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सभी प्रत्याशियों द्वारा सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन अपना नामांकन दाखिल किया जाएगा।धोरैया विधानसभा सीट से राजद ने मौजूदा विधायक भूदेव चौधरी का टिकट काट दिया है। उनके स्थान पर 46 वर्षीय त्रिभुवन दास को प्रत्याशी बनाया गया है। बता दें कि त्रिभुवन दास के पिता पांच बार विधायक रह चुके हैं और क्षेत्र में रविदास समाज का बड़ा वोट बैंक है। उन्हें राजनीतिक निष्ठा और पारिवारिक पकड़ के कारण टिकट मिला है। वहीं, भूदेव चौधरी के समर्थकों में नाराजगी है। उनके करीबी उमाशंकर सिंह ने पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र देकर राजद छोड़ दिया है, जिससे धोरैया क्षेत्र की राजनीति में हलचल मच गई है। नए पुराने चेहरों को लेकर उलझी पार्टी बांका विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री और दो बार विधायक रहे जावेद इकबाल अंसारी का टिकट काटकर 62 वर्षीय संजय यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। संजय यादव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे हैं और मजदूरों, दलितों तथा वंचित तबकों के नेता माने जाते हैं। उनके चयन को सामाजिक संतुलन साधने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, जावेद इकबाल अंसारी का टिकट कटने से मुस्लिम मतदाताओं में नाराजगी के संकेत मिले हैं। कटोरिया विधानसभा सीट से राजद ने पुराने चेहरे स्वीटी सीमा हेंब्रम पर फिर भरोसा जताया है। वह 2015 में विधायक रह चुकी हैं और 2020 में हार के बावजूद पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका दिया है। आदिवासी समाज से आने वाली स्वीटी सीमा ने पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया है। अन्य दलों की बात करें तो जन सुराज पार्टी ने बांका सीट से भाजपा से जुड़े रहे कौशल सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जिससे मुकाबला रोचक हो गया है। अमरपुर सीट से जन सुराज ने सुजाता वैध को मैदान में उतारा है, जो वर्तमान में जिला परिषद सदस्य हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखती हैं।