जिस हत्यारोपी को तीन साल से पुलिस बता रही फरार, वह एसएसबी डीआईजी के ऑफिस में कर रहा नौकरी, हर महीने वेतन भी उठा रहा
सिटी रिपोर्टर|मुजफ्फरपुर पुलिस जिस आरोपी को तीन वर्षों से फरार मान रही थी, उसे मानवाधिकार अधिवक्ता ने ढूंढ़ निकाला। चौंकाने वाली बात है कि आरोपी के खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई तक शुरू की जा चुकी है, जबकि वह मुजफ्फरपुर स्थित एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के डीआईजी कार्यालय में नियमित नौकरी कर रहा है। हर माह वेतन भी उठा रहा है। पूर्वी चंपारण के कुंडवा चैनपुर थाना क्षेत्र में तीन वर्ष पहले हुए चर्चित सुरेश सिंह मस्तान हत्याकांड में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से पांच को दोषी ठहराया गया। इनको मोतिहारी कोर्ट आजीवन कारावास की सजा सुना चुका है, जबकि अन्य के खिलाफ सुनवाई जारी है। इनमें से एक आरोपी पुरुषोत्तम कुमार के बारे में पुलिस लगातार कोर्ट को रिपोर्ट दे रही थी कि वह फरार है। कोर्ट ने उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई का आदेश भी दे दिया था। इसी बीच पीड़ित पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने खुद इसकी पड़ताल शुरू की। जांच में उन्हें जानकारी मिली कि फरार आरोपी पुरुषोत्तम कुमार मुजफ्फरपुर के एसएसबी डीआईजी कार्यालय में नियमित रूप से कार्यरत है। इसके पुख्ता सबूत भी मिले हैं। इस संबंध में अधिवक्ता एसके झा ने राज्य व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, एसएसबी के महानिदेशक, आईजी, डीआईजी, मोतिहारी एसपी और केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। केस के सूचक हरेंद्र सिंह ने बताया कि कुंडवा चैनपुर थाना की पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। आरोप लगाया कि पुलिस उसे बचाने में लगी है। इधर, अधिवक्ता का कहना है कि मामले को दबाने की लगातार कोशिश की गई। अगर पुलिस चाहती तो आरोपी की गिरफ्तारी काफी पहले संभव थी। पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत का ही नतीजा है कि आरोपी नौकरी करता रहा और पुलिस उसे फरार बताती रही।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0