सीवान के मैरवा में सोमवार को नगर क्षेत्र में एक निजी विद्यालय की वैन अचानक बीच सड़क पर खराब हो गई। इसके बाद वैन चालक और स्टाफ ने मासूम बच्चों से ही वैन को धक्का लगवाना शुरू कर दिया। तस्वीरों और वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तीन से चार छोटे-छोटे बच्चे, जिनकी उम्र महज़ 8 से 12 वर्ष के बीच रही होगी। बच्चे अपनी पीठ पर भारी स्कूल बैग टांगे हुए वैन को धक्का दे रहे थे। बच्चों के कंधों पर किताबों का बोझ और गाड़ी धकेलने की थकान एक साथ झलक रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस महिला शिक्षिका पर बच्चों को सुरक्षित स्कूल से घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी। वहीं शिक्षिका वैन के पास खड़ी मोबाइल चलाने और फोन पर बातचीत करने में व्यस्त दिखाई दीं। जब बच्चे कभी आगे से तो कभी पीछे से वैन धकेल रहे थे, तब भी उन्होंने न तो मदद की और न ही बच्चों का बैग उतरवाने की कोशिश की। ड्राइवर और शिक्षक दोनों की यह लापरवाही बच्चों की सुरक्षा और मानवता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। ड्राइवर अंकल ने उन्हें धक्का देने को कहा बच्चों का कहना है कि वे "प्रोग्रेसिव एकेडमी इंग्लिश मीडियम स्कूल, मैरवा" के छात्र हैं। उनका कहना था कि वैन अचानक खराब हो गई, जिसके बाद ड्राइवर अंकल ने उन्हें धक्का देने को कहा और वे मजबूरी में धक्का देने लगे।