सिटी रिपोर्टर | नवादा गांवों में प्रखंड मुख्यालय जैसी प्रशासनिक और लोक सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंचायत सरकार भवनों का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह योजना अधर में लटकी हुई है। जिले में अब तक 124 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, लेकिन केवल लगभग 20 भवन ही पूरे हो पाए हैं। इनमें 15 पंचायतों द्वारा और आधा दर्जन विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए हैं। सबसे ज्यादा देरी पंचायत प्रतिनिधियों के जिम्मे बने भवनों में हुई है। चार साल पहले 28 पंचायतों में भवन निर्माण की स्वीकृति मिली थी, जिसकी जिम्मेदारी मुखियाओं को दी गई थी। इनमें से अब तक सिर्फ 13 भवन ही पूरे हो सके हैं, जबकि 15 भवन अभी भी अधूरे हैं। इनमें से तीन पंचायतों में काम की स्थिति बेहद खराब है। इस पर आयुक्त से संबंधित मुखियाओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। कार्रवाई की तलवार लटकने के बाद दो जगह काम में तेजी आई है, लेकिन एक पंचायत में काम पूरी तरह ठप है। अधिकारियों ने 15 सितंबर तक सभी अधूरे भवनों का काम पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। तय समय पर निर्माण पूरा नहीं होने की स्थिति में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। जहां पंचायत सरकार भवन पूरे नहीं हुए हैं, वहां सेवाओं का संचालन बेतरतीब तरीके से चल रहा है। आरटीपीएस सहित अन्य सरकारी सेवाएं सुचारू रूप से उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। चार साल बाद भी 28 पंचायतों में से केवल 13 में ही भवन पूरे हुए हैं। मुखियाओं को 31 जनवरी 2025 तक निर्माण पूरा करने की समय-सीमा दी गई थी, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। अब सितंबर तक का अंतिम समय दिया गया है।