सुपौल में शुक्रवार की रात जिला मुख्यालय में कार्यपालक सहायकों ने अपनी स्थायीकरण सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च समाहरणालय परिसर से शुरू होकर लोहिया चौक तक गया। शांतिपूर्ण इस मार्च में जिले भर से आए सैकड़ों कार्यपालक सहायकों ने हिस्सा लिया और सरकार से उनकी जायज़ मांगों पर शीघ्र निर्णय लेने की अपील की। कई वर्षों से सेवाएं, पर स्थायी दर्जा अब तक नहीं मार्च में शामिल सहायकों ने कहा कि वे लंबे समय से विभिन्न विभागों में ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे हैं। पंचायत स्तर पर विकास योजनाओं की निगरानी हो या शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं का संचालन- हर क्षेत्र में उनकी भूमिका अहम रही है। इसके बावजूद आज तक सेवा शर्तों का निर्धारण, स्थायी दर्जा, उचित वेतनमान और प्रोन्नति जैसी सुविधाएं सुनिश्चित नहीं की गई हैं। “अनदेखी से असुरक्षा और असंतोष” सहायकों का कहना है कि राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण उनके बीच असुरक्षा और असंतोष बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कैंडल मार्च का उद्देश्य सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर आकर्षित करना है। आंदोलन की चेतावनी कार्यपालक सहायकों ने साफ कहा कि अगर सरकार ने जल्द ठोस निर्णय नहीं लिया तो उन्हें बड़े आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेगी और सम्मानजनक स्थिति दिलाने के लिए सकारात्मक फैसला करेगी।