खगड़िया के परबत्ता प्रखंड में सोमवार को दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घरों और दुकानों में सुख-समृद्धि के दीप जलाए गए, वहीं उदयपुर गांव में मां लक्ष्मी मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। दीपावली की रात हर दहलीज पर दीप जगमगाए और आंगन में रंगोली सजाई गई। सुबह से शाम तक दुकानों और दफ्तरों में पूजा-अर्चना हुई, जिसके बाद शाम से रात तक घरों में मां लक्ष्मी की आराधना की गई। पर्व को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में उत्साह देखा गया। शाम ढलते ही आकाश में रंगीन आतिशबाजी का नजारा दिखा और पटाखों की आवाज रात भर गूंजती रही। लोगों ने घरों में हुक्का पाती खेला, आकाश दीप जलाए और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। काली मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस दौरान मां काली मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बच्चों में विशेष खुशी का माहौल था। पुरानी परंपरा के अनुसार, रंग-बिरंगे आकाश दीप ऊंचाइयों पर नजर आए, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना रहा। लगर पंचायत के उदयपुर गांव में दीपावली की रात मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पिंडी पर स्थापित किया गया और आम लोगों के दर्शन के लिए मंदिर के पट खोले गए। मां लक्ष्मी की पूजा से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। रात्रि में भजन कीर्तन का आयोजन बताया जाता है कि उदयपुर गांव में 1973 से दीपावली के अवसर पर मां लक्ष्मी, सरस्वती और गणपति महाराज की प्रतिमाएं स्थापित कर पूजा की जाती रही हैं। ग्रामीणों में इस परंपरा को लेकर खासा उत्साह है। रात्रि में शिव चर्चा और भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। मंगलवार की रात चंद्रहास नाटक और बुधवार को कानून एवं मुजरिम नाटक का मंचन किया जाएगा।