आंखों की शर्म समाप्त जाए तो सबकुछ खत्म होता सा लगता है... वंशतंत्र का वर्चस्व!

Oct 21, 2025 - 13:30
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आंखों की शर्म समाप्त जाए तो सबकुछ खत्म होता सा लगता है... वंशतंत्र का वर्चस्व!
Bihar Chunav 2025 : बिहार के चुनावी मैदान में विधानसभा चुनाव में परिवारवाद का वो स्वरूप सामने आ गया है जो लोकतांत्रिक सोच पर ही सवाल खड़ा कर रहा है. राज्य की राजनीति में यह प्रवृत्ति अब केवल किसी एक दल तक सीमित नहीं रही, बल्कि 'इस हम्माम में सब नंगे' हैं वाली बात को चरितार्थ करती दिख रही है. भाजपा, जदयू, राजद, हम, लोजपा और यहां तक कि जनसुराज जैसी नई पार्टी भी इसी राह पर चल पड़ी है. बिहार चुनाव में कम से कम 42 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके घरवाले पहले भी सांसद या विधायक रह चुके हैं. इसका मतलब साफ है कि लोकतंत्र के नाम पर वंश-तंत्र का वर्चस्व!

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