रूपौली के एनडीए कैंडिडेट की पूर्णिया में सबसे बड़ी जीत:कसबा से LJP (R) के प्रत्याशी सबसे कम अंतर से जीते, जिले की 2 सीटों पर AIMIM का कब्जा
पूर्णिया में सातों सीटों के नतीजे आ गए हैं। विधानसभा की सात में से 5 सीटों पर NDA ने प्रचंड जीत हासिल की है। जबकि दो सीटों पर AIMIM ने जीत का परचम लहराया है। एनडीए ने धमदाहा, रुपौली, पूर्णिया सदर, बनमनखी और कसबा सीट जीत कर न सिर्फ महागठबंधन का सुपड़ा साफ कर दिया है बल्कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव को नकार दिया है। वहीं प्रत्याशियों की जीत के बाद जीत का जश्न शुरू हो गया है। समर्थक एक दूसरे को मिठाइयां खिला रहे हैं। ढोल नगाड़े के बीच प्रत्याशी झूम रहे हैं। पटाखों से शहर गूंज रहा है। रुपौली विधानसभा सीट से जदयू से कलाधर मंडल सबसे अधिक 73 हजार 538 वोट के अंतर से चुनाव जीते, जबकि कसबा विधानसभा सीट से LJP L(R) के प्रत्याशी नितेश कुमार ने सबसे छोटी अंतर से जीत हासिल की। नितेश कुमार सिंह ने 12220 वोट से कांग्रेस के इरफान आलम को हराया। जदयू ने धमदाहा, रुपौली सीट पर हासिल की जीत जेडीयू ने दो सीटों धमदाहा और रुपौली पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा ने पूर्णिया सदर और बनमनखी पर कब्जा जमाया है। वहीं LJP L(R) उम्मीदवार नितेश कुमार सिंह की जीत के साथ कसबा में NDA का परचम लहराया है। NDA ने सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की, जिनमें भाजपा और जेडीयू को दो-दो जबकि को एलजेपी आर को एक सीट मिली। वहीं AIMIM ने मुस्लिम बहुल अमौर और बायसी को दूसरी बार जीतने में कामयाब रही। अमौर में AIMIM कैंडिडेट को 1 लाख से अधिक वोट मिले अमौर में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने 1,00,836 वोट हासिल करते हुए 38,928 वोटों से बड़ी जीत हासिल की। वे दूसरी बार इस सीट से जीते। उनके मुकाबले में जेडीयू के सबा जफर और कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल जलील मस्तान कहीं पीछे रह गए। बायसी में गुलाम सरवर ने AIMIM का जलवा बरकरार रखा और निर्णायक जीत दर्ज की। AIMIM के वोट बैंक में कोई सेंध नहीं लग पाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव की जनसभाएं काम नहीं आई। न इन दिग्गज नेताओं का जादू चल सका। पूर्णिया सदर से भाजपा के विजय खेमका जीते पूर्णिया सदर में भाजपा के विजय कुमार खेमका ने 1,27,614 वोट हासिल कर 33,222 वोट से तीसरी बार जीत दर्ज की।
बनमनखी में कृष्ण कुमार ऋषि ने 45,296 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
कसबा में LJP (R) के नितेश कुमार सिंह 86,059 वोट लेकर आए और 12,220 वोट से कांग्रेस के इरफान आलम को हराया। एनडीए ने महागठबंधन की एकमात्र बची सीट भी उससे छीन ली चौंकाने वाली बात रही कि NDA ने महागठबंधन की एक मात्र बची सीट भी उसके हाथ से छीन ली और कसबा सीट पर अपना कब्जा कर लिया। कांग्रेस और राजद को पूरी तरह क्लीन स्वीप कर दिया। 2020 में कसबा से कांग्रेस के अफाक आलम ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार कांग्रेस ये सीट भी नहीं बचा पाई। अमौर, बनमनखी, पूर्णिया सदर और कसबा कांग्रेस को चारों ही सीट गंवानी पड़ी। राजद को भी बायसी, धमदाहा और रुपौली में हार का सामना करना पड़ा। वहीं निर्दलीय सांसद पप्पू यादव, जिनके बारे में कहा जाता था कि वे सीमांचल में कांग्रेस के लिए जीवनदान साबित होंगे, इस बार वे कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं दिला पाए। हेलिकॉप्टर वाली आक्रामक प्रचार और चुनावी रैलियां वोटरों में बुलेट इफेक्ट नहीं कर सकीं। पूर्णिया की सभी 7 विधानसभा सीटों के नतीजे पूर्णिया में कड़ी सुरक्षा के बीच काउंटिंग खत्म हो गया। जिले में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत बीते 11 नवंबर को वोटिंग हुई थी। मतों की गिनती के लिए दो मतगणना केंद्र बनाए गए थे। पहला पूर्णिया कॉलेज, जहां 4 विधानसभा के वोटों की गिनती हुई। दूसरा जिला स्कूल, यहां 3 विधानसभा के वोटों की काउंटिंग की गई। काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हुई। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हुई, इसके बाद ईवीएम में पड़े वोटों की काउंटिंग शुरू हुई। देर शाम तक ईवीएम में बंद 69 प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला हो गया। काउंटिंग को लेकर पूर्णिया कॉलेज में बने काउंटिंग सेंटर पर अमौर, बनमनखी, रुपौली और धमदाहा जैसे 4 विधानसभा के वोटों की गिनती हुई। जबकि जिला स्कूल पूर्णिया से बायसी, कसबा और पूर्णिया विधानसभा के वोटो की गिनती हुई। हर विधानसभा के लिए 14-14 गणना टेबल लगाए गए थे। हर टेबल पर एक काउंटिंग सुपरवाइजर, एक असिस्टेंट, एक ग्रेड-4 सहायक और एक माइक्रो ऑब्जर्वर थे। निगरानी के लिए पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया गया था।
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