रवियोग और धनिष्ठा नक्षत्र के संयोग में अनंत चतुर्दशी आज:श्रद्धालु बांधेंगे 14 गांठों वाला अनंत डोर, जानें राशि के अनुसार कौन-सा अनंत करें धारण
आज धनिष्ठा नक्षत्र और रवियोग के सुयोग में अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी पर्व पर भगवान विष्णु की अनंत के रूप में पूजा होगी। पौराणिक कथा सुनी जाएगी, अनंत धारण और भोग में मधुर पकवान अर्पित किया जाएगा। पूजा में गुलाबी और पीले फूल में इत्र मिलाकर चढ़ाने से सौभग्य की प्राप्ति होती है। रवियोग के सुयोग में होगी अनंत पूजा ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी में अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम और पुरुष सूक्त का पाठ करना बहुत उत्तम होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत भगवान की कथा को सुनकर श्रद्धालु 14 गांठों वाला अनंत डोर बांधते हैं। अनंत की 14 गांठे चौदह लोकों का प्रतीक है। ये गांठे पाप को बांधने व भगवान के आशीर्वाद की गांठे होती है। विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए श्रद्धालु भृंगराज के पत्ते, समीपत्र, तुलसी पत्र व मंजरी, धातृ के पत्ते अनंत भगवान को अर्पित करेंगे। अनंत चतुर्दशी का पौराणिक महत्व पंडित झा ने पौराणिक मान्यताओं के आधार पर बताया कि महाभारत काल से अनंत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत हुई थी। अनंत भगवान ने सृष्टि के आरंभ में चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी। इन लोकों का पालन और रक्षा करने के लिए वह स्वयं भी चौदह रूपों में प्रकट हुए थे, जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने वाला माना गया है। हर गांठ में भगवान अनंत की पूजा आचार्य राकेश झा के मुताबिक अनंत डोर के हर गांठ में भगवान विष्णु के विभिन्न नामों से पूजा की जाती है। पहले अनंत, फिर पुरुषोत्तम, ऋषिकेश, पद्मनाभ, माधव, बैकुंठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, नारायण, दामोदर एवं गोविन्द की पूजा की जाती है। अनंत की पूजा करने के बाद अनंत सूत्र को पुरुष अपने दाहिने हाथ के बांह पर और स्त्री बाएं हाथ की बांह में बांधती है। महिलाएं इस दिन सौभाग्य की रक्षा, ऐश्वर्य प्राप्ति और सुख के लिए इस व्रत को करती हैं। राशि के अनुसार अनंत धारण मेष, सिंह- लाल अनंत वृष, कर्क और तुला- चमकीला सफेद अनंत मिथुन, कन्या- हरा अनंत वृश्चिक- गहरा लाल अनंत धनु, मीन- पीला अनंत मकर, कुंभ- नीला अनंत अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि: देर रात 12:57 बजे तक रवियोग मुहूर्त: रात्रि 11:17 बजे तक शुभ योग मुहूर्त: प्रातः 07:07 बजे से 08:40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:23 बजे से 12:13 बजे तक चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 11:48 बजे से शाम 4:29 बजे तक।
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