मधुश्रवां धाम का पौराणिक महत्व:भृगु मुनि ने किया था मधु राक्षस का वध, भगवान श्रीराम ने माता सीता के साथ यहां किया था विश्राम

Sep 7, 2025 - 20:30
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मधुश्रवां धाम का पौराणिक महत्व:भृगु मुनि ने किया था मधु राक्षस का वध, भगवान श्रीराम ने माता सीता के साथ यहां किया था विश्राम
बिहार के अरवल में स्थित मधुश्रवां धाम अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल स्थानीय और दूर-दराज के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थान का नाम मधु राक्षस के वध से जुड़ा है। ब्रह्मपुत्र भृगु मुनि की गर्भवती पत्नी फुलोर्मा का अपहरण करने की कोशिश में मधु राक्षस मारा गया। उसी समय फुलोर्मा ने एक पुत्र को जन्म दिया। उस बालक का नाम च्यवन रखा गया। संतान की इच्छा रखने वाले दंपति यहां करते पूजा यहां एक पवित्र तालाब है। माना जाता है कि, यह तालाब फुलोर्मा के प्रसव के समय गिरे रक्त से बना। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस तालाब में स्नान करने से कई समस्याएं दूर होती हैं। संतान की इच्छा रखने वाले दंपति यहां पूजा करते हैं। त्वचा रोग से मुक्ति के लिए भी लोग यहां आते हैं। मधुश्रवां धाम का संबंध भगवान श्रीराम से भी है। कहा जाता है कि गया में पिंडदान के लिए जाते समय श्रीराम और माता सीता ने यहां विश्राम किया। उन्होंने बाबा मधेश्वरनाथ की पूजा की। इस कारण यह स्थान शिव और राम भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।

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