बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ, जिला इकाई भागलपुर के बैनर तले कार्यपालक सहायकों ने शुक्रवार की शाम समाहरणालय गेट के पास कैंडल मार्च निकाला। अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारियों ने नारेबाजी की और बिहार सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। संघ के उपाध्यक्ष राहुल चौहान ने बताया कि कार्यपालक सहायक लंबे समय से वेतनमान की मांग कर रहे हैं। उनका कहना था कि अगर सरकार नियमित वेतनमान नहीं दे सकती तो कम से कम न्यूनतम मजदूरी इतनी तय करे जिससे परिवार का भरण-पोषण आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी से कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं और मजबूर होकर सड़क पर उतरने को बाध्य हैं। नीतीश कुमार से बार-बार अपेक्षा जताई गई जिला अध्यक्ष राहुल तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बार-बार अपेक्षा जताई गई, लेकिन अब तक सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। हमारी यह लड़ाई सिर्फ वेतनमान तक सीमित नहीं है बल्कि नौकरी की स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा की भी है। जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। इस मौके पर कार्यपालक कर्मचारी मोना पांडे ने भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सहायक कर्मचारी सरकार के कामकाज की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें हाशिए पर रखा जा रहा है। हमारे योगदान को नजरअंदाज कर सरकार हमें असुरक्षा में धकेल रही है।