बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में हो सकती है। चुनाव आयोग की ओर से जैसे ही घोषणा होगी, वैसे ही पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस बार बिहार में वोटिंग दो से तीन चरणों में कराए जा सकते हैं। आयोग की ओर से अभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चुनावी प्रक्रिया को सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा जाएगा। निर्वाचन आयोग की चुनावी तैयारी निर्वाचन आयोग बिहार में मतदाता कराने को लेकर अपनी तैयारियों की अंतिम रूप देने में लग हुआ है। मतदाता सूची को अपडेट करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। चुनावी कार्य के लिए कर्मचारियों की ट्रेनिंग का शेड्यूल भी तय किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग की टीम लगातार बिहार के जिलों का दौरा कर रही है। बूथों की स्थिति, सुरक्षा इंतजाम और संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन किया जा रहा है। इस बार आयोग का फोकस मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल कर पारदर्शिता और निष्पक्षता से चुनाव करने पर है। EVM और VVPAT मशीनों की स्टॉकिंग की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। आचार संहिता के क्या है प्रावधान आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी तरह की नई योजना की घोषणा नहीं कर पाएगी। साथ ही पदाधिकारियों का तबादला रोक दिया जाएगा। सभी राजनीतिक दलों को आचार संहिता के नियमों का पालन करना होगा। प्रशासन को आचार संहिता के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया जाएगा। चरणबद्ध चुनाव की वजह पहले बिहार में पांच से छह चरणों में चुनाव होते रहे हैं, लेकिन इस बार बिहार में दो से तीन चरण में ही चुनाव कराने की चर्चा है। बिहार एक बड़ा राज्य है और यहां का चुनावी समीकरण बेहद संवेदनशील माना जाता है। सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक कारणों से आयोग यहां चरणबद्ध चुनाव कराने का प्लान बना रहा है। पहले चरण में नक्सल प्रभावित और अति संवेदनशील इलाकों को प्राथमिकता दी जा सकती है। बाद के चरणों में शहरी और अपेक्षाकृत शांत क्षेत्रों में वोटिंग कराई जा सकती है। बिहार में राजनीतिक हलचल तेज चुनाव की तारीखों की घोषणा की अटकलों ने बिहार की राजनीति को पहले से ही गरमा दिया है। सत्ताधारी दल चुनावी तैयारियों में तेजी ला रहे हैं। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। सभी पार्टियां उम्मीदवारों की लिस्ट पर मंथन और गठबंधन की रणनीति बनाने में जुट गई हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें सामने आने के बाद राज्य में चुनावी माहौल और अधिक गर्म हो जाएगा। अब सबकी नजरें निर्वाचन आयोग की घोषणा पर टिकी हैं जिसके साथ ही बिहार की राजनीति का नया दौर शुरू होगा।