बक्सर में वामन चेतना मंच और वामन ग्लोबल फाउंडेशन के संयुक्त देखरेख में गुरुवार को वामन अवतरण दिवस का आयोजन धूमधाम से किया गया। रामरेखा घाट स्थित श्री रामेश्वर नाथ मंदिर से रथ यात्रा का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण और संतों के आशीर्वाद के साथ हुआ। यात्रा पीपरपांती रोड, यमुना चौक, मुनीम चौक और नगर थाना होते हुए सोमेश्वर स्थान स्थित वामन धाम तक पहुंची। श्रद्धालुओं ने रथ पर फूल बरसाए और आरती उतारी। ढोल-नगाड़े, शंखध्वनि और डीजे की गूंज से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। मेले और महाप्रसाद का हुआ आयोजन सोमेश्वर स्थान में मेले का आयोजन किया गया। सेंट्रल जेल परिसर में विशेष पूजा-अर्चना भी हुई। दिनभर श्रद्धालुओं को फलाहार महाप्रसाद का वितरण किया गया। वामन चेतना मंच के सदस्य मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि यह रथ यात्रा पिछले चार वर्षों से निरंतर निकाली जा रही है। सीमावर्ती जिलों तक पहुंची आस्था मंच के सदस्य प्रमोद चौबे के अनुसार, यह यात्रा अब बिहार के साथ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के भक्तों को भी आकर्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य वामन धाम के विकास के लिए सरकार और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करना भी है। नेताओं ने जताई भावनाएं, रखी मांगें कांग्रेस नेता कामेश्वर पांडेय ने कहा कि “बक्सर भगवान विष्णु के वामन अवतार की धरती है।” उन्होंने यहां वामन कॉरिडोर की स्थापना की मांग रखी।वहीं भाजपा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी ने इस आयोजन को सनातनियों के लिए सौभाग्यपूर्ण क्षण बताया और कहा कि “बक्सर की रथ यात्रा अब पूरी जगन्नाथपुरी की रथ यात्रा की तरह भव्य होती जा रही है।” संतों ने सुनाई वामन अवतार की कथा संतों ने प्रवचन में भगवान वामन अवतार की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किस तरह भगवान विष्णु ने वामन रूप में अवतरित होकर राजा बलि का घमंड तोड़ा और तीन पग में पूरी सृष्टि को नाप लिया। संतों ने इसे दान, भक्ति और समर्पण की भावना को प्रबल करने का संदेश बताया। हजारों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ पूरे दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंच संचालन धनंजय मिश्र ने किया। कई जिलों से पहुंचे संत-महंत और हजारों श्रद्धालु इस आयोजन के साक्षी बने। बक्सर की यह भव्य रथ यात्रा श्रद्धा, आस्था और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम बनकर उभरी।