पहचान पत्र की सामान्य गलती के कारण मतदान से वंचित नहीं होंगे

Oct 23, 2025 - 04:30
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पहचान पत्र की सामान्य गलती के कारण मतदान से वंचित नहीं होंगे
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि पहचान पत्र की सामान्य गलती के कारण किसी मतदाता को मतदान से वंचित नहीं किया जाएगा। यदि मतदाता सूची में नाम है तो ईपिक या 12 वैकल्पिक पहचान पत्रों में से किसी एक से वोट दिया जा सकता है। डीएम और एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने बुधवार को सभी 21 चुनाव कोषांगों के वरीय नोडल अधिकारियों, नोडल अधिकारियों और 14 निर्वाची अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। कहा-पूरी तरह इंसिडेंट फ्री चुनाव कराना प्रशासन की प्राथमिकता है। सभी अधिकारियों को स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त और पारदर्शी माहौल में मतदान संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध रहने का निर्देश दिया। बैठक में आचार संहिता, व्यय अनुश्रवण, मतदान केंद्रों की सुविधा, वेबकास्टिंग, सुरक्षा व्यवस्था और मतदाता जागरुकता की स्थिति की समीक्षा हुई। डीएम ने बताया कि जिले में 78 फ्लाइंग स्क्वायड, 183 स्टैटिक निगरानी टीम, 44 वीडियो सर्विलांस टीम और 34 बॉर्डर चेकपोस्ट सक्रिय हैं। असामाजिक तत्वों, भू-माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर कार्रवाई जारी है। चुनाव खर्च की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष (0612-2999688/93/94) संचालित है। 20 प्रवर्तन एजेंसियां पैसों के लेन-देन पर नजर रख रही हैं। उधर, चुनाव ड्यूटी से मुक्ति चाहने वाले सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में 10 प्रतिशत (करीब 25) से अधिक कैंसर से पीड़ित पाए गए। जिला कार्मिक विभाग ने उन सभी को मुक्त कर दिया। इसके अलावा गंभीर बीमारियों, गर्भावस्था, किडनी फेल्योर, दिव्यांगता वाले कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी से हटा दिया गया है। 2208 सरकारी अधिकारियों औैर कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए आवेदन दिया था। इनमें से 1620 को मुक्ति मिल गई। मेडिकल बोर्ड का गठन कर 17 और 18 अक्टूबर को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में इनकी जांच की गई थी। ​सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि मेडिकल बोर्ड में हड्डी रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ, फिजिशियन, नेत्र रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ सहित अन्य विभागों के डॉक्टर शामिल किए गए थे। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर चुनाव ड्यूटी मुक्त करने या नहीं करने का निर्णय लिया गया। पहले मतदान, तब कोई काम...महिलाएं गांव-गांव में चला रहीं अभियान मतदान में हिस्सा लेने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से गांव-गांव में चुनावी पाठशाला चल रही है। नॉक द डोर कार्यक्रम के तहत इस अभियान से जुड़े कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक घर-घर जाकर एक-एक मतदाता से संपर्क कर रहे हैं। महिलाओं की टोली रंगोली बनाकर और मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित कर मताधिकार को कर्तव्य बताते हुए वोट देने के लिए प्रेरित कर रही हैं। पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों के करीब 1506 गांवों में इस तरह के आयोजन हो रहे हैं। इस अभियान में पांच लाख से अधिक जीविका दीदियां सक्रिय हैं। स्वयं सहायता समूहों की साप्ताहिक बैठकों में भी मतदान की उपयोगिता पर चर्चा की जा रही है। साथ ही जीविका के अन्य सामुदायिक संगठनों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में रैली का आयोजन कर महिलाओं, नवयुवकों औैर अन्य मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत करीब 66 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है। डीएम ने बताया कि महिलाओं, सीनियर सिटीजन और फर्स्ट टाइम वोटर को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है। इस बार पटना जिले में बढ़ गए 759 बूथ डीएम ने कहा कि पटना जिले में पहले मतदान केंद्रों की संख्या 4,906 थी। 1,200 वोटरों के मानक के आधार पर 759 नए मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इससे मतदान केंद्रों की संख्या 5,665 हो गई है। डीएम ने आमजनों का आह्वान किया कि वोट जरूर डालें, साथ ही अपने सगे-संबंधियों, परिजनों, मित्रों और परिचितों को भी वोट डालने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए सभी मॉल, बाजार, हाट, चौक-चौराहा और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बैनर, फ्लैक्स, नारा, सेल्फी प्वायंट, रंगोली समेत अन्य माध्यमों से मतदाता जागरुकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं। स्मार्ट सिटी के एलईडी बोर्ड के जरिए भी लोगों से अपील की जा रही है। छठ महापर्व में गंगा घाटों के पास भी पहले मतदान, तब कोई काम...वोट जरूर दें, यह आपका अधिकार के साथ कर्तव्य भी है, सरीखे स्लोगन वाले बड़े-बड़े फ्लैक्स लगाए गए हैं।

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