ट्रेन में ईसाई लड़की को दिल दे बैठे सुशील मोदी:RSS ग्राउंड में शादी, अटलजी बोले- उत्तर और दक्षिण का मिलन हो गया

Sep 8, 2025 - 08:30
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ट्रेन में ईसाई लड़की को दिल दे बैठे सुशील मोदी:RSS ग्राउंड में शादी, अटलजी बोले- उत्तर और दक्षिण का मिलन हो गया
13 अप्रैल 1986 पटना में संघ मुख्यालय के सामने वाले मैदान में अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख, भाऊराव देवरस जैसे बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कद्दावर नेता मौजूद थे। यहां कोई बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि छात्रसंघ के नेता सुशील कुमार मोदी का विवाह हो रहा था। जब वाजपेयी को इस शादी पर कुछ कहने के लिए बोला गया, तो उन्होंने कहा- ‘उत्तर और दक्षिण का मिलन हो गया।’ दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज ‘लव स्टोरी’ के चौथे एपिसोड में आज कहानी बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और जेसी जॉर्ज की… सुशील मोदी 5 जनवरी 1952 को पटना के एक मारवाड़ी परिवार में जन्मे थे। स्कूली दिनों में ही वो आरएसएस से जुड़ गए। कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और 1973 में पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी चुने गए। 1974 में जब जय प्रकाश नारायण ने पटना से इंदिरा सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया, तब सुशील मोदी पटना यूनिवर्सिटी में MSc के छात्र थे। जेपी के आह्वान पर उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी और आंदोलन में कूद पड़े। इस दौरान वे 5 बार जेल गए और कुल 19 महीने कैद में बिताए। शादी न करने का फैसला कर चुके थे सुशील, लेकिन फिर… जेपी आंदोलन के बाद 1977 के बाद से सुशील मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी ABVP के अलग-अलग पद पर रहे। सुशील मोदी ने फैसला कर लिया था कि वे कभी विवाह नहीं करेंगे और पूरा जीवन समाजसेवा में ही लगाएंगे, लेकिन फिर आया साल 1985… सुशील मोदी अक्सर छात्र परिषद के कामों से यात्राएं करते थे। अक्टूबर 1985 में वो ऐसी ही एक यात्रा पर मुंबई से पटना लौट रहे थे। इसी ट्रेन में उनके ऊपर वाली बर्थ पर एक लड़की यात्रा कर रही थी, जिसे जम्मू जाना था। वेषभूषा और बोलचाल से वह दक्षिण भारतीय लग रही थी। सुशील ने बातचीत शुरू की, तो अंदाजा सही निकला। लड़की का नाम जेसी जॉर्ज था। वो केरल के मलयाली परिवार से थी, लेकिन सालों से परिवार के साथ मुंबई में रह रही थी। जेसी उस समय मुंबई के एक स्कूल में पढ़ाती थीं और बर्ड वॉचिंग के एक कार्यक्रम में जम्मू जा रही थीं। 30-35 घंटे के सफर में ही सुशील और जेसी एक-दूसरे को पसंद करने लगे। उतरते वक्त दोनों ने एक-दूसरे का पता लिया और चिट्ठियों से बातें होने लगीं। सुशील छात्रसंघ के काम से जब भी मुंबई जाते, तो जेसी से मिलते। जेसी से दिल के तार जुड़ने के बाद उनका शादी न करने का इरादा बदल गया। 10 महीनों की दोस्ती के बाद सुशील और जेसी ने शादी करने का फैसला किया। विवाह अंतर धार्मिक था, लेकिन सुशील के घरवालों को इस बात की खुशी थी कि बेटा आखिरकार शादी करने के बारे में सोच रहा है। जेसी के घरवाले भी जल्द ही शादी के लिए मान गए। संघ शाखा के मैदान में अंतर-धार्मिक और नॉर्थ-साउथ शादी सुशील मोदी की किताब, ‘बीच समर में’ के मुताबिक, सुशील मोदी और जेसी जॉर्ज की शादी 13 अप्रैल, 1986 को आर्यसमाज पद्धति से हुई थी। शादी RSS शाखा के मैदान में हुई थी, जिसमें संघ और बीजेपी के कई पदाधिकारी शामिल हुए। अटल बिहारी वाजपेयी भी पहुंचे थे। एक इंटरव्यू में सुशील मोदी ने बताया था कि उन्होंने खुद अटल बिहारी वाजपेयी को शादी में आमंत्रित करने का पत्र लिखा था- ये अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह है। अगर आप आकर आशीर्वाद दें, तो अच्छा लगेगा।’ सुशील मोदी ने बताया, ‘अटलजी उस समय सांसद नहीं थे और पूर्व सांसदों को यात्रा के कूपन नहीं मिलते थे। ऐसे में अटलजी खुद के पैसों से विमान का टिकट कराकर पटना शादी में आए। उस समय यह बड़ी बात थी।’ सुशील कुमार मोदी और जेसी का शादी समारोह 1 घंटे से भी कम चला। शादी के बाद RSS के पदाधिकारियों और अंत में वाजपेयी ने भाषण दिए थे। ‘बीच समर में’ के मुताबिक, वाजपेयी ने कहा, यह एक अनूठा प्रसंग बन गया है। उत्तर और दक्षिण का मिलन हो रहा है। वधु केरल की है। केरल के निकट ही कुंवारी कन्याएं सदियों से साधना करती रही हैं। पाटलिपुत्र हिमालय से जुड़ा है। शादी के समय ही वाजपेयी ने सुशील मोदी को बीजेपी जॉइन करने का ऑफर भी दे दिया। उन्होंने कहा था, ‘मैं एक और स्वार्थ से आया हूं। अब सुशीलजी विद्यार्थी नहीं रहे और श्रीमती मोदी, वो तो पढ़ाती हैं। अब अगर वो उपयुक्त समझें, तो राजनीतिक क्षेत्र में आकर हम लोगों का हाथ बंटाएं।’ शादी के बाद राजनीति से दूरी बनाई, फेल हुआ बिजनेस विवाह के बाद सुशील मोदी की विद्यार्थी परिषद में भागीदारी कम हो गई। अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें बीजेपी जॉइन करने का ऑफर दिया, लेकिन सक्रिय राजनीति में आने का फैसला लेने से पहले, उन्होंने थोड़ा वक्त लिया। सुशील मोदी ने करीब 70 हजार रुपए का लोन लेकर 1987 में एक कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोला, लेकिन दो-तीन महीने में ही बंद करना पड़ा। 1990 में बिहार विधानसभा चुनाव से मोदी सक्रिय राजनीति में आए। पहला चुनाव पटना सेंट्रल सीट से लड़ा और जीत दर्ज की। समय न देने से नाराज जेसी ने कहा- छोड़कर चली जाऊंगी सुशील मोदी एक कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक गतिविधियों में बहुत व्यस्त रहा करते थे। आए दिन उनकी मीटिंग होती थी। यह बात जेसी को बहुत परेशान करती। एक बार उन्होंने इंटरव्यू में बताया था, 'मैं मुंबई से आई थी। हमारे यहां शनिवार-रविवार वीकेंड होता था, जिसमें कोई काम नहीं करता था, लेकिन सुशील तब भी मीटिंग के लिए गायब रहते। इस बात पर मैं उनसे खूब झगड़ा करती।' जेसी बताती हैं- उनके बार-बार झगड़ा करने पर एक दिन सुशील ने कह दिया कि आज बाहर नहीं जाएंगे। सुशील बाहर नहीं गए, लेकिन अपने सभी साथियों को घर पर ही मीटिंग के लिए बुला लिया। जेसी को उन सभी के चाय-नाश्ते का इंतजाम करना पड़ा और उन्हें एक पल भी बैठने की फुर्सत नहीं मिली। इसके बाद जेसी ने खुद ही कह दिया- मीटिंग बाहर ही किया करो। जेसी बताती हैं, 'एक बार मैंने गुस्से में कह दिया कि मैं तुम्हें छोड़कर चली जाऊंगी।' इस पर मोदी ने जवाब दिया- पर मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जाऊंगा। तुम जहां-जहां जाओगी, तुम्हारे पीछे आऊंगा। ऐसा ही एक किस्सा याद करते हुए जेसी बताती हैं, 'मेरे घर छोड़कर जाने की बात से परेशान होकर उन्होंने भी एक दिन कह दिया, अभी निकल जाओ। तो मैंने भी कह दिया- घर तो मेरा है। कोई निकलेगा तो आप निकलेंगे। ये बात अलग है कि वह घर उनके माता-पिता का ही था।' जेसी को राजनीतिक आरोपों का सामना करना पड़ा 2015 में सुशील मोदी ने तब बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रामधानी सिंह पर बेटी को पटना के IGIMS कॉलेज में लाइब्रेरियन की नौकरी लगवाने का आरोप लगाया था। जवाब में रामधानी सिंह ने सुशील की पत्नी जेसी पर नकली सर्टिफिकेट दिखाकर नौकरी लेने का आरोप लगाया था। जेसी उस समय पटना यूनिवर्सिटी के वुमन ट्रेनिंग कॉलेज की प्रिंसिपल थीं। सुशील मोदी ने रामधानी सिंह को तुरंत अपनी पत्नी से माफी मांगने को कहा और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दे डाली। बाद में जेसी ने रामधानी सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। सुशील मोदी को कैंसर हुआ तो पत्नी से कहा- हम इससे लड़ेंगे सुशील कुमार मोदी को नवंबर 2023 में कैंसर हो गया। जब परिवार को इस बात का पता चला तो उन्होंने पत्नी से कहा, ‘हम इससे लड़ाई करेंगे।’ इस बीमारी ने 13 मई, 2024 को उनकी जान ले ली। सुशील मोदी की बरसी पर उनकी पत्नी जेसी ने एक कार्यक्रम में बताया, ‘उन्होंने कभी एहसास ही नहीं होने दिया कि इस बीमारी का अंजाम क्या होगा। आखिरी समय तक मैं वह अंजाम सोच ही नहीं पाई थी। जब वे चले गए, उसके 10-15 दिन बाद मन में जब खालीपन महसूस हुआ, तब एहसास हुआ कि क्या हुआ है।’ सुशील मोदी और जेसी के दो बेटे हैं। जब सुशील मोदी को मरणोपरांत पद्म भूषण से नवाजा गया, तो जेसी ने ही राष्ट्रपति से पुरस्कार स्वीकार किया। इस समय उन्होंने सुशील मोदी के चाहने वालों के लिए पुरस्कार को उनकी मृत्यु पर मरहम की तरह बताया था। 13 मई 2025 को सुशील मोदी की पहली पुण्यतिथि पर पटना में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इसमें जेसी शामिल हुईं। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे चुनाव लड़ सकती हैं? इस पर जेसी ने जवाब दिया, ‘मैं चुनाव लड़ सकती हूं, लेकिन यह फैसला भारतीय जनता पार्टी को करना है। पार्टी जो तय करेगी, मैं उसका सम्मान करूंगी।’ जेसी अब प्रोफेसर पद से भी रिटायर हो चुकी हैं, इसलिए बिहार चुनाव से उनके सक्रिय राजनीति में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि जब तक सुशील मोदी थे, वो राजनीति से दूर ही रहीं। ------------------- दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज ‘लव स्टोरी’ के पांचवे एपिसोड में कल यानी 9 सितंबर को पढ़िए कहानी सांसद पप्पू यादव और रंजीत रंजन की… ------------------- लव स्टोरी सीरीज के ये एपिसोड्स भी पढ़िए... एपिसोड-2 जब प्यार में नीतीश कुमार ने आधी रात दौड़ाई बाइक: साथ रहने के लिए दिल्ली में पत्नी की नौकरी लगवाई, विवाद हुआ तो लालू को लिखी चिट्ठी एपिसोड-3 शादीशुदा रामविलास को 12 साल छोटी एयरहोस्टेस से प्यार:प्रेमिका की जिद पर सिगरेट-शराब छोड़ी, सदन में मजाक उड़ा- ‘पासवान को दो फल मिले’

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