मुंबई पारसी जिमखाना का इतिहास, क्रिकेट में योगदान और 140वीं वर्षगांठ

Dec 16, 2025 - 21:30
 0  0
मुंबई पारसी जिमखाना का इतिहास, क्रिकेट में योगदान और 140वीं वर्षगांठ
मरीन ड्राइव सिर्फ़ मुंबई की पहचान नहीं, बल्कि इसके मैदान शहर की साझा आत्मा को दर्शाते हैं. 1884 में स्थापित पारसी जिमखाना से लेकर 1912 में बने कैथोलिक ग्राउंड तक, ये स्थल केवल खेल के मैदान नहीं रहे, बल्कि समुदायों को जोड़ने वाले जीवंत केंद्र बने. जहां एक ओर पारसी जिमखाना ने भारतीय क्रिकेट को पॉली उमरीगर और फारुख इंजीनियर जैसे दिग्गज दिए और टाटा जैसे उद्योगपतियों की दूरदृष्टि को आकार दिया, वहीं दूसरी ओर कैथोलिक ग्राउंड ने अभ्यास और अनुशासन के ज़रिए खेल संस्कृति को मजबूत किया.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
E-MEDIA NEWS Administrator at E-Media News