BJP ऑफिस के बाहर बर्खास्त संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन:बवाल के बाद नड्डा की बैठक की लोकेशन बदली, अब स्टेट गेस्ट हाउस में होगा चुनाव पर मंथन
पटना में शनिवार को एक फिर से बर्खास्त संविदा कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्मचारी बड़ी संख्या में बीजेपी ऑफिस के बाहर जुटे हैं। सरकार के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। जेपी नड्डा को बीजेपी ऑफिस में ही नेताओं के साथ चुनाव पर बैठक करनी थी। बवाल को देखते हुए उनकी मीटिंग की लोकेशन को बदल दिया गया है। अब ये मीटिंग स्टेट गेस्ट हाउस में होगी। इस मीटिंग में शामिल होने के लिए बीजेपी के नेता और मंत्री पहुंच चुके थे, लेकिन अब सभी पिछले गेट से स्टेट गेस्ट हाउस के लिए निकल गए हैं। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी CM विजय सिन्हा को घेर लिया था। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की गाड़ी बीजेपी ऑफिस के बाहर जाम में फंस गई। उन्हें गाड़ी से उतरकर पैदल बीजेपी कार्यालय में जाना पड़ा। दोनों डिप्टी CM ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। बीजेपी ऑफिस के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। कर्मचारी समान काम, समान वेतन और 60 साल नौकरी की मांग कर रहे हैं। हड़ताल पर जाने के बाद से 8,000 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। ये लोग 29 दिनों से पटना के गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं। मौके से आई तस्वीरें देखिए... अब बर्खास्त संविदा कर्मचारियों का दर्द पढ़िए... एक नौकरी के सहारे 6 लोगों की जिंदगी चल रही थी कौशल किशोर कहते हैं, 'मेरे परिवार में मम्मी-पापा, एक बहन और 2 भाई हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। एक नौकरी के सहारे 6 लोगों की जिंदगी चल रही थी। हमारी नौकरी चली गई है, लेकिन हमने परिवार वालों को इसकी सूचना नहीं दी है, ताकि वे लोग परेशान ना हो। मेरे पापा डायबिटीज के पेशेंट हैं। उनकी तबीयत भी खराब हो सकती है। सरकार एक करोड़ नौकरी देने की बात करती है, लेकिन हम लोगों को विभाग हटा दिया है। ऐसा ही सपना दिखाकर आठ हजार कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया था।' 31 हजार वेतन एक झटके में बंद हो गया, कैसे जीवन चले खुशी रानी भावुक होते हुए कहती हैं, 'जैसे हमारी नौकरी मेरिट लिस्ट के आधार पर हुई थी, वैसे ही टर्मिनेट लिस्ट जारी की गई। अभी तक हम लोगों ने घर पर भी नहीं बताया है। हम लोग घर जाएंगे भी नहीं, जब तक सरकार की ओर से कुछ फैसला नहीं लिया जाता। मेरे घर में माता-पिता और एक बहन और भाई हैं, लेकिन मेरे अंदर उनको फेस करनी की हिम्मत नहीं है। हमारे साथ सरकार अन्याय क्यों कर रही है। सरकार तक बात पहुंच गई है, लेकिन कुछ सुनने को तैयार नहीं है। हम लोगों को बातचीत तक के लिए नहीं बुलाया जा रहा। 27 हजार पर बहाल किया गया था। बाद में वेतन 35 हजार कर दिया गया, पीएफ काटकर 31 हजार मिलता था। अब कुछ नहीं मिल रहा।' 10775 कर्मचारियों का एक साल का कॉन्ट्रैक्ट था भूमि सुधार विभाग में 10775 संविद कर्मी कार्यरत थे। जिसमें 40 फीसदी लड़कियां हैं। इनमें 7480 टर्मिनेट हुए हैं और 3295 अभी काम कर रहे हैं। इनका कॉन्ट्रैक्ट 1 साल का था, जो जुलाई 2025 में पूरा हो चुका है। हालांकि 7480 टर्मिनेट किए गए कर्मचारियों का एक्टेंशन कर दिया गया था। लेकिन अपनी मांगों को लेकर ये हड़ताल पर बैठ गए, इसके बाद इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। अब जानिए मंत्री ने क्या कहा... राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि विभाग के चलाए जा रहे राजस्व महा अभियान शुरू होने के समय संविदा कर्मी हड़ताल पर चले गए थे। जो काम को प्रभावित, सरकारी अभियान को नुकसान पहुंचने वाला था। सभी संविदाकर्मियों से अपील की गई थी कि हड़ताल वापस लेकर अभियान में जुटें। कई मौके दिए गए। 30 अगस्त तक मौका दिया गया। अंतिम बार 3 सितंबर शाम 5 बजे तक काम पर वापस लौटने को कहा गया था। उस दौरान जो कर्मी वापस लौटे, वो काम कर रह हैं, लेकिन जो काम पर लौटने के बजाय हड़ताल पर ही हैं, उनकी संविदा समाप्त कर दी गई है । ये खबर भी पढ़िए 'मां की किडनी खराब-बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे':बिहार में नौकरी से निकाले गए 7500 संविदा कर्मियों का दर्द, बोले-बहाली नहीं मिली तो जान दे देंगे बर्खास्त संविदा कर्मचारियों के प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...
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