रघुनाथपुर में ट्रेन रोकने के 10 आरोपी गिरफ्तार:बक्सर में सभी न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए, 25 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा

Nov 9, 2025 - 15:30
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रघुनाथपुर में ट्रेन रोकने के 10 आरोपी गिरफ्तार:बक्सर में सभी न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए, 25 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा
बक्सर में रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर 15 सितंबर 2025 को हुए रेल पथ अवरोध मामले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बड़ी कार्रवाई की है। आरपीएफ ने दस आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस प्रदर्शन के कारण हावड़ा-दिल्ली मुख्य रेलमार्ग पर करीब 25 मिनट तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा था, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। घटना के दिन, रेल यात्री कल्याण समिति के सदस्यों और समर्थकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर स्टेशन परिसर में नारेबाजी की थी। इसके बाद वे अचानक रेल पथ पर जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों के पटरियों पर उतरने से अप और डाउन दोनों दिशाओं में ट्रेनें रोक दी गईं। रेलवे प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई शुरू की। वीडियो फुटेज, स्थानीय इनपुट और तकनीकी माध्यमों का उपयोग आरपीएफ की जांच रिपोर्ट के अनुसार, घटना में शामिल लोगों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज, स्थानीय इनपुट और तकनीकी माध्यमों का उपयोग किया गया। जांच पूरी होने के बाद चंद्रशेखर, संदीप राय, हीरालाल वर्मा, नागेंद्र मोहन सिंह, निर्मल केशरी, मदन जायसवाल, सोनू दूबे, सीताराम ठाकुर, विक्रम सिंह और मुर्तजा अंसारी को आरोपी पाया गया। शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया इन सभी को गिरफ्तार कर शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि रेलवे परिचालन को बाधित करना एक गंभीर अपराध है। इससे न केवल रेलवे संपत्ति, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है। आंदोलन अब एक गंभीर कानूनी मामले में बदल गया उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि रेल पथ अवरुद्ध करने, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या परिचालन में हस्तक्षेप करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। इस घटना के बाद क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, समिति के सदस्यों ने स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव और यात्री सुविधाओं के विस्तार की मांगों को लेकर यह प्रदर्शन किया था। हालांकि, यह आंदोलन अब एक गंभीर कानूनी मामले में बदल गया है। पुलिस अन्य नामजद आरोपियों की खोज में भी जुटी प्रदर्शन के दौरान स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए रेलवे और जिला प्रशासन को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। रेल यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह से इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इधर, पुलिस अन्य नामजद आरोपियों की खोज में भी जुटी है और पूरे घटनाक्रम की जांच अभी जारी है।

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