बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री ने 'द बंगाल फाइल्स' देखी:गिरिराज सिंह बोले- फिल्म में बंटवारे के सच को दिखाया गया है, युवा पीढ़ी को देखनी चाहिए
बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बीजेपी नेताओं के साथ 'द बंगाल फाइल्स' देखी। मूवी देखने के बाद उन्होंने कहा कि यह उन कड़वी सच्चाइयों को दिखाती है, जिससे नई पीढ़ी अनजान है। यह फिल्म इतिहास के उन पन्नों को सामने लाती है, जिनसे मुंह नहीं छिपाना चाहिए। आजादी के बाद की जो पीढ़ी है, जिसने देश के बंटवारे को नहीं देखा, उसे यह फिल्म देखनी चाहिए। बंटवारे के सच को 'द बंगाल फाइल्स' में दिखाया गया है। हर नई पीढ़ी को देखनी चाहिए, जिसका जो नजरिया हो उसे अपने-अपने नजरिया से देखना चाहिए। गांधी की भूमिका को देखें, यह भी देखें कि गोपाल पाठा बंगाल में नहीं होता तो वहां क्या होता। आज पश्चिम बंगाल की जो हालत है, ये किसी से छिपी नहीं है। यह फिल्म देखने के बाद लगता है कि बंगाल के अंदर लोगों को अपने को बचाने के लिए गोपाल पाठा बनना पड़ेगा। जो सच दिखाया गया है, उससे मुंह नहीं छिपाना चाहिए। दंगों पर आधारित सच है विपक्ष के सवाल पर गिरिराज सिंह ने कहा कि क्या इतिहास के पन्नों को, उसके सच को झुठलाया जा सकता है। क्या डायरेक्ट एक्शन डे इतिहास के पन्नों में नहीं है। क्या सोहरावर्दी ने पुलिस को जो आदेश दिया वह सच इतिहास के पन्नों में नहीं है। फिल्म में एक चीज और दिखा है कि बंटोगे तो कटोगे इसे याद रखना चाहिए। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित द बंगाल फाइल्स फिल्म 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और उसके बाद हुए नोआखली दंगों पर आधारित सच है। यह फिल्म आधुनिक भारतीय इतिहास के उस काले अध्याय को दर्शाती है। जिसे अक्सर भुला दिया गया है। फिल्म की कहानी दो समानांतर धागों में चलती है। वर्तमान समय की कहानी में सीबीआई अधिकारी शिव पंडित पश्चिम बंगाल में एक लापता पत्रकार की जांच कर रहे हैं। इस जांच के दौरान वह स्थानीय विधायक और बुजुर्ग महिला भारती बनर्जी के संपर्क में आते हैं। जैसे-जैसे वह जांच में आगे बढ़ते हैं, उन्हें बंगाल में आज की राजनीति और सांप्रदायिक तनाव की जड़ों का पता चलता है। मंदिरों से हुंकार भरेंगे केंद्रीय मंत्री ने मस्जिदों से मौलवियों द्वारा फतवा जारी किए जाने वाले अपने बयान को भी फिर से दुहराया है। उन्होंने कहा कि अगर मस्जिद के मौलवी राजनीतिक फतवे जारी करेंगे तो स्वाभाविक रूप से हम भी मंदिरों से हुंकार भरेंगे। हमने बिल्कुल सही कहा है और हुंकार-हुंकार होता है।
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