कटिहार के जाफरगंज में स्थित मदरसा हुसैनिया (मदरसा नंबर 609/109) में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सरकारी मान्यता प्राप्त यह मदरसा झोंपड़ी में संचालित हो रहा है। यहां न तो पक्की इमारत है और न ही बच्चों के लिए बैठने की व्यवस्था। मदरसे में 100 से अधिक विद्यार्थी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। 6 शिक्षक भी बिना कुर्सी-टेबल के पढ़ाने को मजबूर हैं। बारिश के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती है। झोंपड़ी में पानी टपकने से कक्षाएं बाधित होती हैं। बच्चों को सिर पर कपड़ा रखकर बैठना पड़ता है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन को भी दिया गया आवेदन मदरसा के हेड मौलवी फराज आलम खान ने JDU नेता गुलाम रसूल बलियावी को इस समस्या से अवगत कराया है। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन को भी आवेदन दिया गया है। इसमें पक्की इमारत, मध्यान भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग की गई है। झोंपड़ी में संचालन से पढ़ाई प्रभावित होने के साथ कागजात चोरी होने का भी खतरा है। भवन निर्माण सहित आवश्यक संसाधनों की मांग बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों और मदरसों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। फिर भी मदरसा हुसैनिया जैसे कई मदरसे सरकारी सहायता का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोग और शिक्षक मदरसा बोर्ड व सरकार से भवन निर्माण सहित आवश्यक संसाधनों की मांग कर रहे हैं।