किशनगंज में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम नदवी को गिरफ्तार किया गया है। किशनगंज पुलिस ने उसे हलीम चौक के पास से पकड़ा। 39 वर्षीय महबूब कटिहार जिले के बंशीबाड़ी रामपुर हसनगंज का रहने वाला है। वह पिछले तीन सालों से फरार चल रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पिछले 24 घंटों से उससे पूछताछ कर रही हैं। महबूब अप्रैल 2025 से किशनगंज के मोहिद्दीनपुर में रह रहा था। वह हलीम चौक स्थित फातिमा गर्ल्स स्कूल में शिक्षक था। स्कूल में वह छात्राओं को इस्लामिक शिक्षा के साथ हिजाब पहनने का दबाव बनाता था। PFI विदेशी फंडिंग से भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रच रहा था। 2022 में पटना के फुलवारी शरीफ में इसकी गतिविधियां सामने आने के बाद सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। स्कूल संचालक को नहीं थी जानकारी स्कूल प्रशासन के अनुसार, महबूब ने केवल अपना बायोडाटा जमा किया था। आधार कार्ड मांगने पर वह टालमटोल करता था। स्कूल के संचालक सरफराज आलम ने कहा कि उन्हें महबूब की देश-विरोधी गतिविधियों की जानकारी नहीं थी। गिरफ्तारी के बाद NIA और एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड की टीम किशनगंज पहुंची है। महबूब पिछले पांच महीनों से यहां रह रहा था। वह स्कूल में 9,000 रुपए मासिक वेतन पर काम कर रहा था। स्थानीय रेफरेंस से उसने नौकरी पाई थी। एक महीने की छुट्टी के बाद वह हाल ही में स्कूल लौटा था। 2 साल बाद ओमान से लौटा भारत एनआइए को शक है कि नदवी के तार पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी जुड़े हैं। टीम इस दिशा में गहन पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि नदवी को आगे की जांच के लिए दिल्ली ले जाया जा सकता है। 2022 के बाद नदवी ओमान भाग गया था। वहां उसका संपर्क आइएसआइएस और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों से हुआ। करीब दो साल तक ओमान में रहने के बाद वह भारत लौटा। मार्च 2025 से किशनगंज में एक निजी स्कूल में शिक्षक बनकर रह रहा था।