रत्नेश सदा को सोनवर्षा से JDU का टिकट:सहरसा में पार्टी ने चौथी बार मौका दिया, 2010 के चुनाव में पहली बार विधायक बने
सहरसा के सोनवर्षा (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक रत्नेश सदा को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने चौथी बार टिकट दिया है। पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। रत्नेश सादा का राजनीतिक सफर 1987 में शुरू हुआ था। सहरसा के महिषी थाना क्षेत्र के बलिया सिमर गांव के मूल निवासी रत्नेश सादा वर्तमान में सहरसा के कहरा कुटी स्थित वार्ड नंबर 6 में रहते हैं। प्रारंभिक दौर में उन्होंने अपनी आजीविका के लिए रिक्शा भी चलाया था। उनके पिता लक्ष्मी सादा भी खेतिहर मजदूर थे। पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे पिता के मजदूरी करने के बावजूद, रत्नेश सदा की राजनीति में रुचि बढ़ती गई। करीब 30 साल के सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन के दौरान, वे JDU में उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव और सुपौल जिला संगठन प्रभारी सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। साल 2010 के चुनाव में पहली बार विधायक बने साल 2009 में, उन्होंने सहरसा के पटेल मैदान में महादलितों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया, जिससे वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी की नजर में आए। इसके बाद, साल 2010 के चुनाव में सोनवर्षा सीट सुरक्षित घोषित होने पर पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारा और वे पहली बार विधायक बने। महादलित समुदाय से आते हैं रत्नेश सदा रत्नेश सादा को सरल स्वभाव का माना जाता है और वे काफी पढ़े-लिखे भी हैं। 2010 के हलफनामे के अनुसार, उन्होंने ग्रेजुएशन के साथ-साथ संस्कृत में आचार्य की डिग्री भी हासिल की है। करीब 54 साल के रत्नेश सदा महादलित समुदाय से आते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। 2023 में, संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे के बाद, उन्हें बिहार सरकार में मंत्री पद भी दिया गया है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, 3 बेटे और 2 बेटियां हैं।
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