रचनात्मक व कलात्मक सोच सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक

Oct 9, 2025 - 04:30
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रचनात्मक व कलात्मक सोच सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक
एजुकेशन रिपोर्टर| दरभंगा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 08 से 10 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो मनसा कुमारी सुल्तानिया के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन सोमवार को पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें समाजशास्त्र, इतिहास, भौतिकी, दर्शनशास्त्र, महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, अंग्रेज़ी और संस्कृत विभाग सहित विभिन्न संकायों के 70 से अधिक छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने मानसिक स्वास्थ्य विषयक मुद्दों को सृजनात्मकता और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन संस्कृत विभाग की प्राध्यापिका डॉ. ममता स्नेही, अंग्रेज़ी विभाग की डॉ. शांभवी और दर्शनशास्त्र विभाग की डॉ. प्रियंका राय ने किया। निर्णायकों ने विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, कलात्मक अभिव्यक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल विद्यार्थियों की सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी सहायक होते हैं। विभागाध्यक्ष प्रो सुल्तानिया ने बताया कि आगामी दो दिनों में विभिन्न जागरूकता सत्र, परिचर्चा और अन्य रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों के छात्र और शोधार्थी भाग लेंगे। इस अवसर पर प्रोफेसर ध्रुव कुमार, प्रोफेसर अनीस अहमद, डॉ. मो ज़ेया हैदर, अमृत कुमार झा, डॉ. निशात शाहीन और डॉ. विजय कुमार दास सहित विभाग के सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे। जागरूकता, परिचर्चा व रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी

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