मोहम्मद साहब का बंधुत्व का संदेश अहम
जहानाबाद पैगंबर हरजरत मोहम्मद साहब मानवता व विश्व बंधुत्व के विश्व में बड़े अग्रदूत थे। उन्होंने अपने प्रेम एवं भाईचारे के संदेश से पूरे विश्व को बड़ी राह दिखाई है। ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मदरसा फैजुलगोर्बा जहानाबाद हजरत मौलाना मुफ्ती आसीफ रजा नईमी ने जुलूस मोहम्मदी की समाप्ति पर स्थानीय अरवल मोड़ में लोगों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने अपने अनुयायियों को संदेश दिया कि वह व्यक्ति सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता, जिसके पड़ोसी भुखा रहे। मौलाना ने मोहम्मद साहब के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके उपदेशों पर अमल कर ही सच्चा मुसलमान कहला सकते हैं। इस अवसर पर देश में अमन-चैन और सौहार्द्र की विशेष दुआ की। इससे पूर्व मदरसा रजा ए मुस्तफा जाफरगंज, दारुल उलूम जमाले हबीब जाफरगंज एवं मदरसा फैजूल गोर्बा शेखआलम चक, मदरसा यासीन उल कोर्आन शेखआलम चक का जूलुस संयुक्त रुप से अपने अपने स्थान से चलकर दारुल उलूम मोहम्मदिया तालिमुल कोर्आन ईदगाह पहुंचा। इसके उपरांत संयुक्त रुप से ये जूलुस मोहम्मदी फिदा हुसैन रोड, मलहचक मोड़, कच्छी मस्जिद, खान बहादुर रोड, बिचली मोहल्ला, जामा मस्जिद, होस्पीटल रोड, अरवल मोड़ हुए स्थानीय अरवल मोड़ पहुंचकर समाप्त हो गया। जूलुस मोहम्मदी में लोग नात शरीफ व मंकबत पढ़ते रहे और पैगंबर साहब को श्रद्धांजलि देते रहे। जुलूस पूरी शांति एवं सद्भावना का संदेश देते हुए अपने गंतव्य स्थान पहुंचकर समाप्त हो गया। इस अवसर पर हजरत मौलाना आसिफ रजा नइमी, हजरत कारी शमशाद रिजवी, हजरत हाफिज सुफी अफरोज आलम फैजी, हजरत हाफिज दानिश रजा फैजी, हजरत कारी रेयाज अहमद कादरी समेत दर्जनों आलिम एवं मस्जिदों के इमाम जुलूस मोहम्मदी का नेतृत्व कर रहे थे। जुलूस में शहर के गणमान्य लोग, मदरसों के शिक्षक, छात्र एवं आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। बताते चलें कि जुलूस मोहम्मदी को लेकर जिला प्रशासन पुरी तरह सजग थी। हर चौक चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थी जिन्होंने अपनी कर्मठता का परिचय देते हुए सभी लोगों को सहयोग देने का काम किया। जिला प्रशासन के सहयोग के लिए जुलूस मोहम्मदी के आयोजकों ने जमकर तारीफ की एवं आभार व्यक्त किया।
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