मोतिहारी के नरकटिया में महिला मतदाता होंगी निर्णायक:रोजगार और पलायन इस बार का मुख्य चुनावी मुद्दा, फैक्ट्रियों और उद्योगों पर जोर देने की अपील
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं का मिजाज जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने मोतिहारी के नरकटिया विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। ग्रामीण इलाकों में लोगों से बातचीत में जो सबसे बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया, वह है पलायन और रोजगार। खासकर महिला मतदाता इस बार बदलाव की इच्छा ज़ाहिर कर रही हैं। गांव-गांव में बातचीत के दौरान महिलाओं ने खुलकर कहा कि उनके पति और बच्चे रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं, जहां उन्हें कई बार उत्पीड़न या दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं का कहना है कि “अगर बिहार में ही रोजगार के अवसर मिलें तो हमें अपने परिवार से दूर नहीं रहना पड़ेगा।” उनका मानना है कि राज्य सरकार को फैक्ट्रियों और उद्योगों की स्थापना पर जोर देना चाहिए, ताकि युवाओं को अपने ही राज्य में काम मिल सके। स्थानीय विधायक के कार्य से संतुष्ट दिखे कुछ लोग स्थानीय विधायक के प्रति मतदाताओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोग उनके कार्य से संतुष्ट दिखे और उन्हें दोबारा मौका देने की बात कही, तो कुछ बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। महिलाओं के लिए किए गए बड़े ऐलान इस बार के चुनाव में महिलाओं की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। दोनों प्रमुख गठबंधनों ने उन्हें साधने के लिए बड़े वादे किए हैं। एक ओर तेजस्वी यादव ने हर महिला को 2500 रुपए मासिक सहायता देने का वादा किया है, तो दूसरी ओर नीतीश कुमार ने महिलाओं के खातों में 10,000 रुपए की आर्थिक सहायता, स्वरोजगार शुरू करने पर 2 लाख रुपए तक का सहयोग और वृद्धा पेंशन योजना का लाभ देने का ऐलान किया है। नरकटिया के ग्रामीण इलाकों में बातचीत से साफ झलक रहा है कि महिला मतदाता इस बार चुनावी नतीजे तय करने में निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं, और उनका प्रमुख मुद्दा है – रोजगार, पलायन पर रोक और परिवार के साथ सम्मानपूर्वक जीवन।
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