मधुबनी डीएम ने पंचायती राज योजनाओं की समीक्षा की:2 पंचायत सचिवों के निलंबन का निर्देश दिए, भूमि अधिग्रहण पर जोर
मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने गुरुवार को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पंचायती राज विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कई सरकारी योजनाओं की समीक्षा समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, पंचायत सरकार भवन, लोक सेवा का अधिकार अधिनियम, 15वें केंद्रीय वित्त आयोग, छठे राज्य वित्त आयोग, सी.ए. फर्म एवं ऑनलाइन अंकेक्षण की प्रगति, वृक्षारोपण एवं पुस्तकालय, पंचायत सरकार भवन में डाकघर एवं बैंक स्थापना, नल-जल योजना का अनुरक्षण, विद्युत विपत्र भुगतान, मुख्यमंत्री ग्रामीण नली-गली पक्कीकरण निश्चय योजना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, ग्राम कचहरी के वादों को पोर्टल पर अपलोड करने और उनके निष्पादन की कार्रवाई, पंचायत कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र का निष्पादन तथा घोरपरास (नीलगाय) एवं जंगली सूअर से संबंधित मामलों की भी गहन समीक्षा की गई। 2 पंचायत सचिवों का निलंबन समीक्षा के दौरान, जिलाधिकारी ने 15वें वित्त आयोग के तहत कम खर्च को लेकर गंभीर रुख अपनाया। उन्होंने मधवापुर प्रखंड स्थित बासुकी बिहारी उ. पंचायत के पंचायत सचिव अमेरिका महतो और मधवापुर के पंचायत सचिव दीप नारायण पासवान के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सोलर लाइट के लिए चलेगा एस-ड्राइव अभियान मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की समीक्षा करते हुए, सभी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों को अवगत कराया गया कि फेज-01 एवं 02 में विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं। जिलाधिकारी ने सभी पंचायत सचिवों और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों को 'एस-ड्राइव' नामक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया। इस अभियान के तहत, उन सोलर स्ट्रीट लाइटों की पहचान की जाएगी जिनमें 72 घंटे से अधिक समय से सिग्नल लॉस है या जो 72 घंटे से अधिक समय से खराब/अकार्यरत हैं। 13 पंचायतों में सरकारी जमीन नहीं पंचायत सरकार भवन की समीक्षा में यह सामने आया कि मधुबनी जिले की 13 पंचायतों में अभी तक सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है। सभी संबंधित प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अंचल अधिकारी से समन्वय स्थापित कर मानक के अनुरूप भूमि चिह्नित करें। जिन पंचायतों में सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां माननीय मुखिया के सहयोग से दान में भूमि प्राप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा गया है।
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