भाद्रपद की पूर्णिमा पर मनाई जाने वाली मधु पूर्णिमा रविवार को बोधगया में धूमधाम से मनाई गई। महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से संघदान कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न देशों के भिक्षु और सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। इस मौके पर महाबोधि मंदिर को विशेष रोशनी से सजाया गया है। मन्दिर के ऊपर पड़ने वाली रंग बिरंगी रोशनी अद्भुत छटा बिखेर रही है। कार्यक्रम की शुरुआत पूजा-अर्चना से हुई। भिक्षुओं ने बुद्ध के उपदेशों को याद करते हुए दान और सेवा की भावना को जीवन में उतारने का संदेश दिया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने शहद और फल अर्पित किए। मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में शांति आती है। मंदिर परिसर में पर्यटकों और भक्तों की भीड़ लगी रही मंदिर प्रांगण में संघदान के दौरान देश-विदेश से आए भिक्षु मौजूद रहे। उन्होंने बुद्ध की शिक्षाओं को मानवता की भलाई के लिए अपनाने पर जोर दिया। श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचे और भिक्षुओं को अन्न, फल और वस्त्र दान किए। मधु पूर्णिमा को लेकर बोधगया का माहौल पूरी तरह धार्मिक रहा। महाबोधि मंदिर परिसर में पर्यटकों और भक्तों की भीड़ लगी रही। विदेशी बौद्ध अनुयायियों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। बौद्ध परंपरा में मधु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे दान और त्याग का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध को हाथी और बंदर ने फल और शहद अर्पित किया था। तभी से इस तिथि को मधु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।