नालंदा में 29 नवंबर तक होगी लोन वसूली:बिहार सरकार ने सख्ती बरतने का लिया फैसला; सीएम ने दिए थे 5 करोड़ 27 लाख 45 हजार रुपए ​​​​​​​

Nov 21, 2025 - 06:30
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नालंदा में 29 नवंबर तक होगी लोन वसूली:बिहार सरकार ने सख्ती बरतने का लिया फैसला; सीएम ने दिए थे 5 करोड़ 27 लाख 45 हजार रुपए ​​​​​​​
अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही विभिन्न ऋण योजनाओं के तहत बढ़ते बकाये को देखते हुए बिहार सरकार ने सख्ती बरतने का फैसला किया है। नालंदा में 24 से 29 नवंबर तक एक विशेष ऋण वसूली शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें डिफाल्टरों से बकाया राशि वसूलने की कोशिश की जाएगी। बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से लेकर 2022-23 तक नालंदा में कुल 327 लोगों को मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना, शिक्षा ऋण और अन्य योजनाओं के तहत 5 करोड़ 27 लाख 45 हजार रुपए का ऋण वितरित किया गया था। वसूली की धीमी रफ्तार चिंता का विषय विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन ऋणों की वसूली की धीमी गति है। करीब एक दशक की अवधि में वितरित किए गए इतने बड़े ऋण में से अब तक केवल 68 लाख 26 हजार 556 रुपये की ही वसूली हो पाई है। यह कुल ऋण राशि का महज 13 प्रतिशत है, जो विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। करोड़ों रुपये अभी भी बकाया हैं, जिससे योजना की निरंतरता पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ने ऋणियों से अपील की है कि वे इस विशेष शिविर का लाभ उठाएं और अपनी बकाया राशि का भुगतान करें। उन्होंने कहा कि यह उनके हित में होगा कि वे कानूनी पचड़े में पड़ने से पहले ही अपने दायित्व का निर्वहन करें। डिफाल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी निगम के प्रबंध निदेशक मुमताज आलम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब विभाग का रुख बेहद सख्त होगा। उन्होंने एक पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि समय पर ऋण नहीं चुकाने वालों से बकाया राशि के साथ-साथ ब्याज और दंड ब्याज भी वसूला जाएगा। विभाग ने चेतावनी दी है कि इस विशेष वसूली शिविर में जो लोग अपने बकाया ऋण का भुगतान नहीं करेंगे, उनका कोई भी स्पष्टीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे बकायेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दीवानी और फौजदारी मुकदमा दर्ज कराने की भी बात कही है। योजना के उद्देश्य और चुनौतियां अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक उत्थान और रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई इन योजनाओं का मूल उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था। लेकिन वसूली न होने से न केवल सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ रहा है, बल्कि नए लाभार्थियों को ऋण देने में भी कठिनाई हो रही है। 24 नवंबर से शुरू होने वाले इस छह दिवसीय विशेष शिविर की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कितने ऋणी स्वेच्छा से अपना बकाया चुकाते हैं। विभाग की सख्ती का संदेश साफ है – अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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