जाले विधानसभा क्षेत्र में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनावी माहौल गरमा गया है। अब यहां मुकाबला चार-तरफा हो गया है, जिससे सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के समीकरण बदल गए हैं। पहले यह लड़ाई सीधे गठबंधन बनाम महागठबंधन मानी जा रही थी, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी मशकूर अहमद उस्मानी के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में मशकूर अहमद उस्मानी ने कांग्रेस के टिकट पर लगभग 65 हजार वोट हासिल किए थे। मुस्लिम समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है, और जाले में लगभग 1 लाख 20 हजार मुस्लिम मतदाता हैं। इस बार, जन सुराज से रंजीत शर्मा भी मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। वहीं, भाजपा के जीवेश कुमार मिश्रा और कांग्रेस के ऋषि मिश्रा भी एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रत्याशी भी इस मुकाबले में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता ऋषि मिश्रा का विरोध कर रहे हैं। जाले के कांग्रेस कोर कमेटी के अध्यक्ष भूषण आजाद ने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा की है और मशकूर अहमद उस्मानी को समर्थन देने का ऐलान किया है। राजद कार्यकर्ताओं ने ऋषि मिश्रा को 'कुमर्मी' बताते हुए उन पर 'कुर्सी के लोग' होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ऋषि मिश्रा ने पिछले चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार को 'जिन्ना' बताकर चुनाव हरवाया था।