जमुई चेंबर पूर्व सचिव-कोषाध्यक्ष पर 1.80 लाख गबन का आरोप:सदस्यों ने जताई नाराजगी, वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग

Nov 29, 2025 - 00:30
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जमुई चेंबर पूर्व सचिव-कोषाध्यक्ष पर 1.80 लाख गबन का आरोप:सदस्यों ने जताई नाराजगी, वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग
जमुई चेंबर ऑफ कॉमर्स में वर्ष 2022–24 सत्र के दौरान 1 लाख 80 हजार रुपये की कथित अवैध निकासी का मामला सामने आया है। शुक्रवार को चेंबर ऑफ कॉमर्स, जमुई कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला अध्यक्ष सुनील बरनवाल ने पूर्व सचिव शंकर साह उर्फ संजय कुमार गुप्ता और पूर्व कोषाध्यक्ष चंद्रकांत भगत पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया। इस दौरान चेंबर के सचिव नितेश कुमार केसरी, कोषाध्यक्ष अमित कुमार उर्फ टिंकू, उपाध्यक्ष घंटी साह, सह सचिव बंटी साह सहित कई कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे। निकासी 25 सितंबर 2025 को चेंबर के चुनाव से ठीक पहले हुई थी अध्यक्ष सुनील बरनवाल ने चैंबर के यूको बैंक खाता संख्या 12180110001547 का स्टेटमेंट दिखाते हुए बताया कि 24 सितंबर 2025 को 1 लाख रुपये और 25 सितंबर 2025 को 80 हजार रुपये की निकासी की गई। यह निकासी 25 सितंबर 2025 को चेंबर के चुनाव से ठीक पहले हुई थी। इन निकासियों के बाद खाते में केवल लगभग 5,000 रुपये ही बचे थे। अध्यक्ष के अनुसार, पूर्व सचिव व पूर्व कोषाध्यक्ष से कई बार मौखिक और दो बार लिखित रूप से आय-व्यय का ब्यौरा मांगा गया, परंतु उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। चेंबर के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान संरक्षक नीतीश कुमार ने भी इस मामले पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बैंक से निकासी के लिए सचिव और कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कब और कैसे पैसे निकाले गए, इसकी जानकारी नहीं दी गई। उनके अनुसार, यह मामला पूरी तरह संदिग्ध है और घोटाले की ओर इशारा करता है। पूर्व अध्यक्ष नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनके 3 वर्ष के कार्यकाल में कितनी अवैध निकासी हुई, इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जब भी उन्होंने हिसाब-किताब मांगा, टालमटोल किया गया और आज तक कोई विवरण नहीं दिया गया। पूर्व सचिव पर कई सत्रों का हिसाब नहीं देने का आरोप अध्यक्ष बरनवाल ने कहा कि संस्था 1988 से संचालित है और यह कथित वित्तीय गड़बड़ी सिर्फ 2022–24 सत्र से संबंधित है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा पूर्व सचिव शंकर साह पिछले तीन सत्रों से सचिव रहे,पर किसी भी सत्र का पूरा हिसाब नहीं दिया,और चेंबर के रजिस्टर व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जमा नहीं किए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पूर्व पदाधिकारी अब अलग संगठन बनाकर व्यापारियों में मतभेद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। जांच व कार्रवाई की बात कही गई अध्यक्ष ने कहा कियह पैसा जमुई के व्यवसायियों की मेहनत का है। अवैध निकासी कर गबन करना अनुचित है। इसकी विधिसम्मत जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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